महिलाओं को लेकर अब लोगों में जागरूकता देखने को मिल रही है. आपको बता दें कि सूडान महिलाओं की खतना कराने की प्रथा को अपराध घोषित करने की तैयारी कर रहे हैं। सरकार पहले ही इस संबंध में ऐतिहासिक मसौदा कानून को मंजूरी दे चुकी है। जिसके बाद इसकी तारीफ हर तरफ हो रही है.
आपको बता दें कि इस मसौदे की एक प्रति के अनुसार आपराधिक संहिता में प्रस्तावित संशोधन के तहत अगर कोई व्यक्ति यदि इस अपराध का दोषी पाया जाता है, तो उसे तीन साल की कैद की सजा हो सकती है। कानून को अभी भी मंत्रिमंडल और संप्रभु परिषद की संयुक्त बैठक द्वारा अनुमोदित किया जाना बाकी है।
वहीं सूडान समेत कई अन्य देशों, एशिया और पश्चिम एशिया में महिलाओं के खतने कराने की काफी पुरानी प्रथा रही है, जहां इसे रूढ़िवादी परंपराओं के तहत महिलाओं की यौन इच्छा को कम करने के तौर पर देखा जाता है। संयुक्त राष्ट्र की बाल एजेंसी की 2014 की रिपोर्ट के अनुसार सूडान में 15 से 49 वर्ष की आयु की लगभग 87 प्रतिशत महिलाओं और बच्चियों को खतना कराना पड़ा।
क्या होता है खतना
मुस्लिम समुदाय में लड़कियों का खतना करने की प्रथा है, जिसमें लड़की की योनि के ऊपरी हिस्से को पूरा या आंशिक रूप से काटकर अलग कर दिया जाता है। यह छह वर्ष की लड़कियों का किया जाता है। मान्यता के अनुसार, इससे लड़कियों की यौनेच्छा को दबा दिया जाता है, ताकि वह विवाह होने के बाद बाहर न भटक सकें।