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लखनऊ। खबर आ रही है कि आयकर विभाग ने जबसे यूपी के चीफ सेक्रेटरी दुर्गा शंकर मिश्रा को कई आईएएस/आईपीएस अधिकारियों (Corrupt officer of UP on income tax radar) की काली संपत्ति का काला चिट्ठा सौंपा है, काली कमाई से अकूत संपत्ति अर्जित करने वाले अफसर बेचैन हो गए हैं। ​लिस्ट में किन अफसरों का नाम है। इसका खुलासा तो अभी नहीं हो सका है। पर बीते महीनों घटी एक घटना कई अफसरों की ईमानदारी पर सवाल खड़े कर रही हैं।

आपको याद दिला दें कि बीते साल राजस्व परिषद के चेयरमैन के तत्कालीन निजी सचिव विवेकानन्द डोबरियाल का नाम सुर्खियों में था। एसटीएफ की जांच में उनके पास करोड़ों की अकूत संपत्ति पाई गई। बताया जा रहा है कि डोबरियाल ने वह संपत्ति जमीनों के विवाद को मैनेज कराने के बदले हासिल की थी। हालांकि यह पता नहीं चल सका कि वह किन अफसरों के सम्पर्क में था। जिनके संरक्षण का डोबरियाल को फायदा मिला। (Corrupt officers of UP on income tax radar)

बहरहाल, विधानसभा में समीक्षा अधिकारियों के पदों पर भर्ती के समय भी विवेकानन्द डोबरियाल का नाम उस समय चर्चा में आया था, जब उनके बेटे का चयन विधानसभा में हुआ था। (Corrupt officers of UP on income tax radar)

जानकार बताते हैं कि करोड़ों की हेराफेरी का मामला योगी सरकार की नजर में आने के बाद विवेकानन्द डोबरियाल फरार था। एसटीएफ उसे तलाश रही थी। पर वह एसटीएफ के हाथ नहीं लग रहा था। उस दरम्यान विवेकानन्द डोबरियाल विधानसभा के संविदा अफसर कहे जाने वाले एक बड़े नामचीन अधिकारी के संपर्क में था। उनसे डोबरियाल की डील चल रही थी। विधानसभा के उस अफसर ने भी करोड़ों की जमीन खरीदी है। (Corrupt officers of UP on income tax radar)

काली कमाई से अर्जित उन जमीनों को मैनेज कराने के बदले डोबरियाल के बेटे को नौकरी दी गई। डोबरियाल को उपकृत करने का यह फार्मूला उस समय काफी चर्चा में था। पर अब जब आयकर विभाग ने यूपी के अफसरों का काला चिट्ठा चीफ सेक्रेटरी को सौंपा है तो एक बार फिर इस विषय पर चर्चा शुरु हो गई है। (Corrupt officers of UP on income tax radar)

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