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Up Kiran, Digital Desk: भारत में इन दिनों बार-बार एक विचार पर चर्चा हो रही है कि पूरे देश में एक साथ चुनाव कराए जाएं, जिसे वन नेशन, वन इलेक्शन कहा जाता है। यहां हर नागरिक को वोट देने का अधिकार मिला हुआ है और लोग अपनी सरकार चुनते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि दुनिया में ऐसे भी देश मौजूद हैं जहां अब तक एक भी चुनाव नहीं हुआ? वहां के लोग लोकतंत्र और मतदान जैसी अवधारणाओं से लगभग अनजान हैं।
अफ्रीका का देश जहां अब तक नहीं हुआ चुनाव
अफ्रीका के हॉर्न ऑफ अफ्रीका क्षेत्र में एक छोटा देश है इरिट्रिया। लगभग 60 लाख की आबादी वाला यह राष्ट्र 1993 में इथियोपिया से लंबे संघर्ष और खूनी युद्ध के बाद स्वतंत्र हुआ। स्वतंत्रता के समय जनता को उम्मीद थी कि अब लोकतंत्र का रास्ता खुलेगा और उन्हें अपनी सरकार चुनने का मौका मिलेगा। लेकिन आजादी के तीन दशक बाद भी वहां एक बार भी चुनाव नहीं कराए गए।
इरिट्रिया के पहले राष्ट्रपति इसाईस अफवर्की 1993 में सत्ता में आए और आज तक उसी पद पर बने हुए हैं। देश में केवल एक ही राजनीतिक दल पीपुल्स फ्रंट फॉर डेमोक्रेसी एंड जस्टिस मौजूद है, जिसकी बागडोर भी अफवर्की के हाथों में है। विपक्षी दलों को अस्तित्व में आने की अनुमति तक नहीं दी गई। 1997 में चुनाव कराने और संविधान लागू करने की बात हुई थी, लेकिन सब कागजों में ही रह गया।
लोकतंत्र की जगह डर का शासन
इरिट्रिया में न बोलने की स्वतंत्रता है, न प्रेस की आजादी और न ही धर्म की स्वतंत्रता। यहां की शासन प्रणाली पूरी तरह सैन्यीकृत है। सरकार की आलोचना करना अपराध माना जाता है और आलोचक सीधे जेल भेज दिए जाते हैं। बहुत से लोगों को बिना किसी मुकदमे के सालों तक कैद रखा जाता है। देश के युवाओं को अनिवार्य सैन्य सेवा करनी पड़ती है और यह सेवा कई वर्षों तक चल सकती है।
नागरिकों के लिए वोट डालना केवल सपना है। शिक्षा और मीडिया की स्थिति इतनी कमजोर है कि अधिकतर लोग लोकतंत्र और मानवाधिकार जैसे शब्दों को समझ ही नहीं पाते।
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