CUET UG Result 2022 : एनटीए इस आधार पर करेगी सीयूईटी स्कोर की गणना

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CUET UG Result 2022 : राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी CUET UG 2022 के परिणाम घोषित करने से पहले महत्वपूर्ण अधिसूचना जारी की है, जिसमें प्रवेश परीक्षा के अंकों की गणना और नार्मलॉइजेशन कैसे की जाएगी इसके बारें में बतायी है। अभ्यर्थी परीक्षा पोर्टल cuet.samarth.ac.in पर नोटिफिकेशन देख सकते हैं। इससे पहले एनटीए ने आवेदन पत्र सुधार विंडो को फिर से खोलने का फैसला किया है जिससे उम्मीदवार अपने द्वारा जमा किए गए व्यक्तिगत विवरण को संशोधित कर सकते हैं। यह 15 सितंबर को सुबह 10 बजे तक उपलब्ध रहेगा।

इसलिए हो रहा है नार्मलॉइजेशन

आपको बता दें कि CUET UG 2022 परीक्षा कई विषयों के लिए और अनेक पालियों में आयोजित किया गया था। इतने बड़े परीक्षा में यह सुनिश्चित करने के लिए कि एक छात्र दूसरे की तुलना में अपेक्षाकृत कठिन प्रश्नों के सेट को हल करने का प्रयास नहीं करता है। इसी के वजह से एजेंसी ने अंतिम अंकों और परिणामों की गणना के लिए नार्मलॉइजेशन प्रक्रिया अपनाने का निर्णय लिया है।

एनटीए ने कहा ने कहा कि भारतीय सांख्यिकी संस्थान दिल्ली के वरिष्ठ प्रोफेसर और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली और दिल्ली विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्रोफेसरों की अध्यक्षता वाली एक समिति ने इस कार्यप्रणाली पर विस्तृत विचार-विमर्श किया था। प्रत्येक उम्मीदवार के रॉ स्कोर – एक उम्मीदवार द्वारा प्राप्त वास्तविक अंक – प्रत्येक विषय में ‘इक्विपरसेंटाइल विधि’ का उपयोग करके नार्मलॉइजेशन किया जाएगा। प्रत्येक विषय के लिए जिसके लिए परीक्षा कई पालियों में आयोजित की जाती है, प्रत्येक उम्मीदवार के लिए रॉ स्कोर को एनटीए स्कोर (प्रतिशत स्कोर और नार्मलॉइजेशन स्कोर) में बदल दिया जाएगा। सीयूईटी-यूजी के अपेक्षा अन्य प्रवेश परीक्षाएं कम विषयों तक ही सीमित होती हैं। इसके अलावा, खेल या ललित कला जैसे विषय हैं, जहां कुछ विश्वविद्यालयों द्वारा स्किल के आधार पर कुछ वेटेज (जैसे 25%) दिया जाता है।

इस विधि से होती है स्कोर की गणना

एनटीए ने कहा कि स्किल कंपोनेंट में रॉ स्कोर और पर्सेंटाइल के शेष वेटेज (75%) को रैंक लिस्ट तैयार करने में नहीं किया जाता, क्योंकि यह सेब में संतरे को जोड़ने के समान होगा। इस स्थिति का समाधान इक्विपरसेंटाइल विधि से किया जाता है। इस पद्धति में प्रत्येक उम्मीदवार के लिए प्रतिशत की गणना उसी सत्र में अन्य अभ्यर्थी के रॉ स्कोर की तुलना में उम्मीदवार के रॉ स्कोर का उपयोग करके की जाती है। यह हर सत्र के लिए एक ही विषय के लिए कई दिनों में किया जाता है। फिर इन पर्सेंटाइल को समान किया जाता है, और सामान्यीकृत अंकों में परिवर्तित किया जाता है। कम संख्या में उम्मीदवारों के साथ सत्रों के लिए, इन्हें बड़े सत्रों के साथ जोड़ा जाता है।

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