पैसों के अभाव में नदी में बहाया शव, कमलनाथ बोले- कहां गयी आपकी अंतिम संस्कार की योजना?

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नई दिल्ली॥ मध्य प्रदेश सरकार प्रदेश में गरीब के घर जन्म से लेकर मृत्यु होने पर तक गरीबों को मदद का दावा करती है, लेकिन हालात इससे विपरित ही नजर आते हैं। मजबूर गरीब जरूरत के समय भी खाली हाथ होता है और फिर सामने आते है मानवता को शर्मसार करने वाले दृश्य।

ताजा मामला मप्र के सीधी जिले का है, जहां एक गरीब आदिवासी परिवार को अपने घर की एक सदस्य की मौत हो जाने पर अंतिम संस्कार करने के लिए पैसे नहीं होने पर शव को हाथ ठेला गाड़ी से 12 किमी दूर ले जाकर सोन नदी में बहाना पड़ा। इस पूरे मामले पर मप्र के पूर्व सीएम कमलनाथ ने सरकार पर जमकर हमला बोला है।

कमलनाथ ने मंगलवार सुबह ट्वीट कर इस पूरे घटनाक्रम पर सरकार को आड़े हाथों लेते हुए निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि शिवराज जी, जब आप विपक्ष में थे तो गऱीबों के अंतिम संस्कार को लेकर खूब दावे करते थे और कांग्रेस को खूब झूठा कोसते थे। आज आप सत्ता में है। आपकी सरकार की सच्चाई जान ले। सीधी जिले में एक आदिवासी परिवार की युवती की मृत्यु होने पर परिवार को माँगने पर ना शव वाहन मिला और ना अंतिम संस्कार के लिये आर्थिक मदद। पैसे नहीं होने पर, मजबूरी में परिवार ने शव को ठेले पर ले जाकर नदी में बहा दिया।

कमलनाथ ने सरकार पर तंज कसते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई और पीडि़त परिवार की मदद की मांग कर कहा कि कहाँ गयी आपकी अंतिम संस्कार की योजना? मानवता को शर्मशार करने वाली इस ह्रदय विदारक घटना पर तत्काल दोषियों पर कड़ी कार्यवाही हो, परिवार की हर संभव मदद हो।

यह है पूरा मामला

दरअसल सीधी जिले के कोटहा मोहल्ला निवासी रामाअवतार कोल की बहन 19 वर्षीय राधा कोल की उपचार के दौरान जिला अस्पताल में मौत हो गई। किंतु शव को घर तक ले जाने के लिए जिला चिकित्सालय या नगर पालिका प्रशासन द्वारा शव वाहन नही उपलब्ध कराया गया। इतना ही नहीं शव को कंधा देने के लिए चार लोग भी एकत्रित नहीं हो पाए, इसलिए मृतक के भाई के द्वारा तीन पहिया ठेले का जुगाड़ कर शव को घर ले जाने के वजाय करीब 12 किलोमीटर की दूरी तय कर सोन नदी ले गया। शव को नदी में बहा दिया गया।

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