नई दिल्ली। दिल्ली के मुंडका में स्थित फैक्ट्री में लगी भीषण आग 27 लोगों को अपनी आगोश में ले लिया जबकि 28 लोग घायल हैं और 29 लोगों का अभी कुछ पता नहीं चल रहा है। राहत और बचाव कार्य जारी है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी आज घटनास्थल पर पहुंच कर हालात का जायजा लेंगे।
घटना को लेकर बताया जा रहा है कि जब ये भीषण आग लगी तो चारों ओर अफरा-तफरी मच गई। लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। वहीं कुछ ऐसे भी कुछ लोग थे हादसे कि वक्त न सिर्फ अपनी जाना बचाने के लिए भाग रहे थे बल्कि अपने आस पास मौजूद को बचाने की भी जद्दोजहद कर रहे थे।
दो बच्चों की मां रिचा रावत भी करीब डेढ़ साल से इस फैक्ट्री में काम कर रही थीं। हादसे के समय ऋचा तीसरी मंज़िल पर मौजूद थीं। जैसे ही उन्हें पता चला के फैक्ट्री में आग लग गई है। उन्होंने खिड़की के साथ बने पोल से नीचे उतरने का प्रयास किया।
इसके लिए उन्होंने रस्सी की मदद भी ली, लेकिन रस्सी में जलकर बीच में ही टूट गई। इसके बाद रिचा तीसरी मंजिल पर मौजूद लोगों को नीचे उतरने में मदद करने लगी। इस बचाव कार्य में उनके दोनों हाथ जल गए लेकिन वो इस जीवित रहने की लड़ाई में जीत गईं। ऋचा फिलहाल अस्पताल में भर्ती है और वह अब ठीक है।
ऋचा के परिवार वालों का आरोप है कि फैक्ट्री में काम करने वाले कर्मचारियों से उनका फोन पहले ही जब्त करवा लिया जाता था। अगर आपात स्थिति में उनके पास फोन होता तो वह फोन करने मदद मांगा लेती और इतने लोगों को अपनी जान नहीं गंवानी पड़ती। फोन ना होने की वजह से आग की सूचना तक लोगों तक नहीं पहुंच पाई जब तक सूचना पहुंची तब आग ने भयंकर रूप ले लिया था।