
नई दिल्ली। हिन्दू धर्म शास्त्र में ग्रहों का परिवर्तन विशेष महत्व रखता है। ग्रहों के परिवर्तन का व्यक्ति के जीवन पर सीधा प्रभाव पड़ता है। हर ग्रह समय के साथ अपना स्थान परिवर्तन करता है। जैसे कि इस समय देवगुरु बृहस्पति इस समय कुंभ राशि में है और वक्री चाल चल रहे हैं। कहने का मतलब यह है कि देवगुरु बृहस्पति इस समय उल्टी चाल चल रहे हैं। देवगुरु बृहस्पति 14 सितंबर तक कुंभ राशि में ही रहेंगे और वक्री चाल चलेंगे। इसके बाद वह मकर राशि में मार्गी हो जाएंगे। देवगुरु बृहस्पति की वक्री चाल का कुछ राशियों पर शुभ प्रभाव नहीं पड़ेगा। ऐसे में इन राशियों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। आइए जानते हैं गुरु की वक्री चाल का किन-किन राशियों पर अशुभ प्रभाव पड़ेगा।
मेष राशि
- कार्यों में सफलता प्राप्त करने के लिए जातक को अधिक मेहनत करनी पड़ेगी।
- धन- हानि होने की संभावना है।
- धन- खर्च सोच- समझकर ही करें। अन्यथा नुकसान हो जायेगा।
- दांपत्य जीवन में परेशानियों आ सकती हैं।
- परिवार के सदस्यों के साथ समय व्यतीत करें।
- स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना जरुरी है
कर्क राशि
- कर्क राशि के जातकों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
- कोई भी कार्य करने से पहले अच्छी तरह सोच- विचार कर लें।
- धन- लाभ होने के योग बन रहे हैं लेकिन धन का अधिक खर्च न करें।
सिंह राशि
- सिंह राशि के लोगों को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
- कार्यक्षेत्र में हर किसी भी भरोसा न करें नहीं तो नुकसान हो सकता है।
- लेन- देन न करने से बचें।परेशानियां आ सकती हैं।
- जीवनसाथी के साथ समय व्यतीत करें।
तुला राशि
- तुला राशि के जातकों का आर्थिक दिकक्तें आ सकती है।
- जीवनसाथी के साथ मनमुटाव होने की संभावना है।
- लेन- देन न करें।
- ये समय निवेश करने के लिए सही नहीं है।
- इस समय स्वास्थ्य का भी विशेष ध्यान रखें।
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