Up Kiran, Digital Desk: मशहूर वेब सीरीज "मनी हाइस्ट" में प्रोफेसर का किरदार अपनी चालाकी और परफेक्ट प्लानिंग के लिए जाना जाता है। लेकिन क्या हो जब असली दुनिया में कुछ ठग खुद को प्रोफेसर समझकर आम लोगों को लूटना शुरू कर दें? दिल्ली की साइबर पुलिस ने एक ऐसे ही गैंग का भंडाफोड़ किया है, जो "मनी हाइस्ट" से प्रेरित होकर एक बड़ा ऑनलाइन ट्रेडिंग स्कैम चला रहा था। इन लोगों ने अपने खतरनाक प्लान को नाम भी दिया था- 'प्लान बेला चाओ'।
इस गैंग ने इतनी सफाई से काम किया कि उन्होंने 1100 से ज्यादा लोगों को अपना शिकार बनाकर 2.5 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी कर ली। पुलिस ने इस मामले में 3 लोगों को गिरफ्तार किया है।
कैसे देते थे ठगी को अंजाम?
यह गैंग बिल्कुल प्रोफेशनल तरीके से काम करता था। इनकी कहानी किसी भी भोले-भाले इंसान को आसानी से अपने जाल में फंसा सकती थी।
पहला कदम: लालच का चारा
यह लोग व्हाट्सएप और टेलीग्राम पर ग्रुप बनाकर लोगों को जोड़ते थे। फिर वे "कम समय में ज्यादा पैसा" कमाने का सपना दिखाते थे। जैसे- 3,000 रुपये लगाओ और 30,000 रुपये कमाओ। ऐसे आकर्षक ऑफर देखकर कई लोग इनके जाल में फंस जाते थे।
दूसरा कदम: भरोसे का दिखावा
लोगों को भरोसा दिलाने के लिए उन्होंने एक नकली ऑनलाइन ट्रेडिंग वेबसाइट और मोबाइल ऐप बना रखा था, जो बिल्कुल असली जैसा दिखता था। जब कोई व्यक्ति पैसा लगाता, तो ये ठग उसके ऐप वॉलेट में नकली मुनाफा दिखाने लगते। अपनी आंखों के सामने पैसा कई गुना बढ़ता देख, लोगों का भरोसा और पक्का हो जाता था।
आखिरी कदम: लूट और गायब
जैसे ही कोई व्यक्ति अपने "कमाए हुए मुनाफे" को निकालने की कोशिश करता, असली खेल वहीं से शुरू होता था। ये ठग उनसे टैक्स, प्रोसेसिंग फीस या किसी और बहाने से और पैसों की मांग करते। जब पीड़ित और पैसा दे देता, तो ये लोग उसका नंबर ब्लॉक कर देते और सारे संपर्क तोड़कर गायब हो जाते।
कैसे खुली इस फिल्मी स्कैम की पोल?
इस पूरे रैकेट का खुलासा तब हुआ जब दिल्ली के शाहदरा में रहने वाले एक शख्स ने शिकायत दर्ज कराई। उसने बताया कि उससे भी इसी तरह से 43,000 रुपये की ठगी की गई है। दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने जब इस मामले की जांच शुरू की, तो परतें खुलती चली गईं।
पुलिस ने टेक्निकल सर्विलांस और मनी ट्रेल (पैसों के लेनदेन पर नजर) का सहारा लिया। यह गैंग बहुत चालाक था। वे पुलिस से बचने के लिए लगातार अपने बैंक अकाउंट और सिम कार्ड बदलते रहते थे। लेकिन आखिरकार, पुलिस उन तक पहुंच ही गई और तीन मुख्य आरोपियों को दबोच लिया।
यह घटना उन सभी लोगों के लिए एक बड़ी चेतावनी है जो ऑनलाइन रातों-रात अमीर बनने का सपना देखते हैं। याद रखें, अगर कोई स्कीम सच होने के लिए कुछ ज्यादा ही अच्छी लग रही है, तो शायद वो सच है ही नहीं।
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