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देवरिया केस में बीते कल को नया मोड़ आ गया। अदालत ने पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेमचंद यादव के घर पर बुलडोजर चलाए जाने के सरकारी आदेश पर रोक लगा दी है। मर्डरकेस के बाद तहसीलदार ने 11 अक्टूबर को प्रेम यादव के मकान को गिराने का निर्देश जारी किया था।

दरअसल, मृतक प्रेमचंद यादव के परिवार के सदस्य रामभवन यादव ने न्यायालय में याचिका दायर कर तहसीलदार के मकान ध्वस्तीकरण के आदेश को चुनौती दी थी। रामभवन ने हाई कोर्ट से याचिका पर जल्द से जल्द कार्रवाई करने की गुजारिश की थी। तत्पश्चा, अदालत ने अर्जेंसी पर इस केस की हेयरिंग की।

हेयरिंग के दौरान याचिकाकर्ता को तहसीलदार के आदेश के विरूद्ध 14 दिनों में जिलाधिकारी के यहां अपील दायर करने को कहा गया है। इसके साथ साथ अदालत ने देवरिया के जिलाधिकारी को तीन महीने के भीतर अर्जी पर उचित फैसला देने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने तब तक के लिए घर गिराए जाने पर रोक लगा दी है।

आपको बता दें कि याचिका कर्ता की तरफ से शुक्रवार को हाई कोर्ट में तीन अर्जी दाखिल की गई थी। ये अर्जियां जज चंद्र कुमार राय की कोर्ट में मेंशन की गई और अदालत से अर्जेंसी के आधार पर सुनवाई किए जाने की अपील की गई। न्यायालय ने सिर्फ एक याचिका पर सुनवाई की और आदेश पारित कर दिया।

 

 

 

 

 

 

 

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