नई दिल्ली, यूपी किरण। इस बार 17 अक्तूबर से शारदीय नवरात्रि प्रारंभ हो रहा हैं। शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि जगतजननी माता भगवती की उपासना के लिए सर्वश्रेष्ठ समय होता है। नवरात्रि के नौ दिनों में आदिशक्ति मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा होती है और देवी के प्रत्येक स्वरुप की कृपा से अलग-अलग तरह के मनोरथ पूर्ण होते हैं।
लेकिन नवरात्र के दिनों में मातारानी की पूजा करते समय नियमों का विशेष पालन करना होता है। अन्यथा देवी भवानी रूठ जाती हैं। तो आइए जानते हैं कि वह कौन से कार्य हैं जो नवरात्र के दौरान नहीं करने चाहिए?
हमेशा पहनें साफ एवं पवित्र कपड़े
कभी भी जमीन पर बैठकर न करें पूजा
यूं तो हमेशा ही पूजा करते समय आसनी बिछानी चाहिए लेकिन नवरात्रि में पूजा करते समय आसनी जरूरी बिछाएं। कभी भी जमीन पर बैठकर पूजा नहीं करनी चाहिए। ध्यान रखें कि 9 दिनों तक मां के मंदिर में या घर में दीपक जरूर जलाएं। देवी मइया को लाल रंग अत्यंत प्रिय है तो मां का आसन और वस्त्र लाल रंग का ही रखें।
नवरात्रि के समय घर से कोई भी मेहमान भूखा न जाए
नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती और दुर्गा चालीसा का पाठ जरूर करना चाहिए। नवरात्रि में इस बात का विशेष ध्यान रखें कि घर से कोई भी मेहमान भूखा नहीं जाए। इसके अलावा कोई कन्या यदि आपके घर आए तो उसे खाली हाथ न लौटाएं।
भूलकर भी न लगाएं अनाज का भोग
ब्रह्मचर्य व्रत का करें पालन
नवरात्रि में ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करें, शारीरिक संबंध भूलकर भी न बनाएं। यदि महिलैओं का मासिक धर्म चल रहा हो तो पूजा-अर्चना करने से परहेज करें।
चमड़े के जूते, चप्पल और बेल्ट या काले वस्त्र का न करें इस्तेमाल
नवरात्र पर चमड़े के जूते, चप्पल और बेल्ट का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। सनातन धर्म में शुभ कार्यों में काले रंग का परहेज करना बताया गया है। इसलिए नवरात्र के दिनों में काले रंग के वस्त्र पहनने से परहेज करें।
तामसी भोजन व झूठ आदि बोलने से बचें
निंदा, चुगली, झूठ का परित्याग करें और लहसुन-प्याज का प्रयोग न करें। अगर व्रत करते हों तो नींबू काटने से भी बचें।