नई दिल्ली॥ ई-एजेंडा के मंच पर देश में लागू लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण पर भिन्न-भिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कई सवालों पर चर्चा होगी। कार्यक्रम मे शामिल हुए एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी अपने राज्य में कोविड-19 को लेकर किए गए कार्यों और लॉकडाउन को लेकर बनाई गई योजनाओं पर चर्चा की।
सामाजिक दूरी पर पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए शिवराज सिंह ने कहा कि सच बताऊं तो मैंने बड़ी मुश्किल से खुद पर काबू किया है। मेरी अंतरात्मा मुझसे कहती थी कि चलो इंदौर, इंदौर में जनता से मिलें, वहां कैसे ठीक हो सकती है स्थिति इस पर बात करें। उज्जैन चलें। लेकिन लॉकडाउन मुझे अनुमति नहीं देता था। एक खतरा था कि अगर मैं इंदौर या उज्जैन गया तो लोग बड़ी संख्या में निकल सकते हैं। और उससे कोविड-19 के फैलने का खतरा फैल सकता है। इसलिए मैंने अपने आपको नियंत्रित किया और अपने मन पर काबू पाया। और सारी व्यवस्थाएं हमने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बनायी।
उन्होंने आगे कहा कि हमने इंदौर में भी अगर बात की तो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वहां के जनप्रतिनिधियों से, धर्मगुरुओं से, देश की सारी जनता से, डॉक्टरों से, बुद्धजीवियों से, प्रशासन से की। यहीं बैठकर हमने निर्देश देने का काम किया।
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सीएम मध्यप्रदेश ने कहा कि ये बात सच है कि मैं तो एक दिन में 25-25 हजार लोगों से हाथ मिलाता था गले लगाता था, क्योंकि मैं मानता था कि मैं उनका सेवक हूं। लेकिन कोविड-19 ने हमको सिखा दिया कि अब लाइफस्टाइल भी हमको बदलनी पड़ेगी। काम करने के तौर-तरीके भी हमको बदलने पड़ेंगे। इसलिए बदले हुए तौर-तरीकों के साथ आज मैं काम कर रहा हूं।
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