मध्य प्रदेश में चुनावी माहौल है, मगर यहां चुनावों की अधिकारिक घोषणा से पहले ही चुनाव कराए गए। ये पर्सनल चुनाव कराए एमपी के सबसे रईस विधायक संजय पाठक ने। यह चुनाव पिछले कई दिनों से अपने क्षेत्र विजयराघवगढ़ जनमत संग्रह टाइप चुनाव में करा रहे थे।
चुनाव कराने की वजह उन्होंने ये बताई कि अगर उन्हें 50 फीसदी से कम वोट मिले तो वो चुनाव नहीं लड़ेंगे। अब एमपी के सबसे रईस विधायक के राजनीतिक जीवन का फैसला जनता ने कर दिया है। कथित तौर पर चुनाव परिणामों में जनता ने उन्हें 75 फीसदी से ज्यादा वोट दिए हैं।
बता दें कि चुनाव के पहले संजय पाठक द्वारा कराए गए इस चुनाव ने नई बहस के साथ ही एक नए विवाद को भी जन्म दे दिया है, जो आने वाले समय में राजनीतिक दलों के लिए भी मुश्किलें खड़ी कर सकता है। बहरहाल, निर्वाचन आयोग के द्वारा कराए जाने वाले चुनाव और व्यक्ति विशेष के द्वारा कराए गए चुनाव में निष्पक्षता और पारदर्शिता का बड़ा फेर होता है। ये आने वाले दिनों में ही साफ हो पाएगा कि जनता किस पार्टी के किस उम्मीदवार का साथ देती है।
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