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नई दिल्ली। भारतीय स्टेट बैंक ( SBI ) ने गुरुवार को इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया। इसके साथ ही एसबीआई ने कोर्ट में दो सेट में डेटा जमा कर दिया है, जिसमे पहला बॉन्ड खरीदने वाले बॉन्ड का सीरिज नंबर और दुसरा राजनीतिक दलों ने किस नंबर का बॉन्ड भुनाया है। एसबीआई ने कहा कि राजनीतिक दलों के संपूर्ण बैंक खाता नंबर और केवाईसी की जानकारी को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है। इससे खाते की सुरक्षा से समझौता हो सकता है। इसी तरह सुरक्षा कारणों से ही बॉन्ड के खरीदारों के केवाईसी विवरण भी सार्वजनिक नहीं किए जा रहे हैं।

गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में एसबीआई के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने हलफनामा दाखिल किया। दिनेश कुमार खारा ने बताया कि कोर्ट के निर्देश के मुताबिक इलेक्टोरल बॉन्ड्स के नंबर समेत सभी डिटेल्स चुनाव आयोग को उपलब्ध करा दिया गया है। एसबीआई के चेयरमैन ने कहा है कि हमने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक चुनावी बॉन्ड से जुड़ी सारी जानकारी आज उपलब्ध करा दी है।

एसबीआई द्वारा दी गयी जानकारी में बॉन्ड का नंबर, बॉन्ड की कीमत, पार्टी का नाम, पार्टी के बैक एकाउंट के आखिरी चार डिजिट नंबर, भुनाए गए बॉन्ड की कीमत और नंबर शामिल हैं। एसबीआई के चेयरमैन ने कहा कि साइबर सुरक्षा के मद्देनजर राजनीतिक पार्टी का पूरा बैंक खाता नंबर, पार्टी और बॉन्ड खरीदने वाले की KYC का विवरण सार्वजनिक नहीं किया गया है।

उल्लेखनीय है कि Electoral Bond case की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को फटकार लगाइए थी और कहा था कि वह इक्कीस मार्च तक संपूर्ण डाटा कोर्ट को उपलब्ध कराये। एसबीआई ने कोर्ट के आदेश के मुताबिक़ गुरुवार को हलफनामे के साथ दो सेट में डाटा उपलब्ध करा दिया। 
 

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