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इंडिया का नाम भारत किए जाने की अटकलें लगाई जा रही है हालांकि इसे लेकर आधिकारिक तौर पर अभी कुछ भी 
नहीं कहा गया है, मगर सियासी कुनबो में विरोध और समर्थन का दौर चल रहा है। बताया जा रहा है कि संसद के आगामी विशेष सत्र के दौरान सरकार संविधान संशोधन विधेयक पेश कर सकती है मगर क्या आप जानते हैं कि अगर सरकार ऐसा कदम उठाती है तो इसके लिए कितना बड़ा खर्चा आएगा? आइए आपको बताते हैं-

एक रिपोर्ट के मुताबिक नाम बदलने में अनुमानित खर्च चौदह हज़ार तीन सौ, चार करोड़ रुपये आ सकता है। इस आंकड़े की गणना दक्षिण अफ्रीका के वकील डाइरेक्ट ऑलिवियर के सुझाए फॉर्मूला से की गई है।

दरअसल, दो हज़ार अठारह में स्विट्जरलैंड का नाम बदला गया था बताया गया कि जिसमे ऑलिवियर ने देश के नाम बदलने में आने वाले खर्च की गणना के लिए एक विधि तैयार की थी।

उनके के अनुसार एक बड़े कॉरपोरेट हाउस की औसत मार्केटिंग कॉस्ट उसके रेवेन्यू का 6 % होती है. वहीं रीब्रांडिंग एक्सरसाइज़ का खर्च कंपनी के मार्केटिंग बजट का 10 % तक हो सकता है.

डैरेन ओलिवियर के इसी मॉडल की सहायता से भारत के लिए होने वाले खर्च का पता लगाया जा सकता है. भारत का नाम बदलने की प्रक्रिया में होने वाला खर्च कितना बड़ा है, ये एक उदाहरण से समझ सकते हैं. केंद्र सरकार 80 करोड़ भारतीय नागरिकों के लिए खाद्य सुरक्षा में जितना खर्च करती है, नाम परिवर्तन में उतना खर्च होने का अनुमान है।

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