Up kiran,Digital Desk : चंडीगढ़ की एक व्यस्त सड़क, शाम का वक्त... और अचानक गोलियों की तड़तड़ाहट से सब कुछ थम गया। लॉरेंस बिश्नोई का जिगरी दोस्त और खुद एक बड़ा गैंगस्टर, इंदरप्रीत सिंह उर्फ पैरी, खून से लथपथ अपनी ही कार में ढेर हो चुका था। यह कोई मामूली हत्या नहीं थी, बल्कि एक खूनी गैंगवार का वो चैप्टर था, जिसे हमलावरों ने Live Video Call पर सात समंदर पार अमेरिका में बैठे अपने आका को भी दिखाया। तो क्या चंडीगढ़ की सड़कों पर एक बार फिर गैंगवार का खूनी खेल शुरू हो गया है? पुलिस का मानना है, हाँ!
फिल्मी स्टाइल में दिया गया वारदात को अंजाम
सोमवार शाम करीब 6:15 बजे, पैरी सेक्टर-26 की टिंबर मार्केट में अपनी 'कीया' कार से जा रहा था। तभी अचानक एक दूसरी कार ने उसे ओवरटेक कर रास्ता रोक लिया। पैरी कुछ समझ पाता, इससे पहले ही हमलावरों ने अपनी पिस्तौलों से गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। एक के बाद एक, करीब 5 गोलियां पैरी के सीने, कंधे और पीठ में धंस गईं।
और इस पूरे खूनी खेल के दौरान, एक हमलावर अपने मोबाइल से वीडियो कॉल पर था, जो अमेरिका में बैठे एक गैंगस्टर को यह लाइव दिखा रहा था कि कैसे लॉरेंस के दोस्त का 'हिसाब' किया जा रहा है।
क्यों मारा गया पैरी? शक की सुई गोल्डी बराड़ पर
इस सवाल का जवाब सीधा-सीधा एक नाम पर आकर टिकता है - गोल्डी बराड़। पुलिस इसे लॉरेंस बिश्नोई और कभी उसके सबसे खास रहे गोल्डी बराड़ के बीच छिड़ी गैंगवार का नतीजा मान रही है। दोनों में दुश्मनी इस कदर बढ़ चुकी है कि अब वे एक-दूसरे के करीबियों को निशाना बना रहे हैं। पुलिस को शक है कि यह हमला गोल्डी बराड़ के गुर्गों ने ही किया है।
कौन था गैंगस्टर पैरी?
- लॉरेंस का राइट हैंड: वह डीएवी कॉलेज के दिनों से लॉरेंस बिश्नोई का दोस्त था और चंडीगढ़, पंचकूला, मोहाली (ट्राईसिटी) में लॉरेंस-गोल्डी गैंग का पूरा काम संभालता था।
- 'उगाही' का बादशाह: शहर के बड़े-बड़े क्लबों, बार और कारोबारियों से रंगदारी वसूलकर गैंग तक पहुंचाना उसका मुख्य काम था।
- दर्जनों केस: उस पर हत्या, हत्या की कोशिश, रंगदारी और हथियारों की सप्लाई जैसे 12 से ज्यादा संगीन मामले दर्ज थे।
कहानी का सबसे हैरान करने वाला पहलू
- डेढ़ महीने पहले ही हुई थी शादी: पैरी की शादी अभी सवा महीने पहले ही 19 अक्टूबर को अंबाला में हुई थी, जिसमें कई बड़े राजनेता और कारोबारी भी शामिल हुए थे।
- पुलिस वाला परिवार: उसका पिता पंजाब पुलिस से इंस्पेक्टर रिटायर हुए थे और उसका बड़ा भाई आज भी पंजाब पुलिस में ASI है।
पुलिस अब इलाके के सीसीटीवी खंगाल रही है और पैरी के मोबाइल की जांच कर रही है ताकि पता चल सके कि मौत से ठीक पहले उसकी किससे बात हुई थी। इस हत्याकांड ने एक बार फिर चंडीगढ़ में गैंगवार के खौफ को जिंदा कर दिया है।
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