नयी दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद जल्दी ही राज्यसभा से ‘आजाद’ होने वाले हैं। दरअसल गुलाम नबी आजाद का 15 फरवरी को राज्यसभा का कार्यकाल खत्म हो रही है। अब कांग्रेस में गुलाम नबी के जगह लेने के लिए कई चेहरे सामने आ रहे हैं। जो कि सिर्फ अभी कयासों पर हैं।
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक लोकसभा में कांग्रेस के पूर्व नेता, मल्लिकार्जुन खड़गे, आनंद शर्मा और केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम को पार्टी के उन नामों में गिना जा रहा है जिन्हें इस पद के लिए चुना जा सकता है। इसके अलावा मध्यप्रदेश के नेता दिग्विजय सिंह का नाम भी इन नामों में आता दिखाई दे रहा है।
राज्यसभा में 15 फरवरी के बाद जम्मू और कश्मीर का कोई प्रतिनिधि नहीं होंगा, केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) के चार ऊपरी सदन के सदस्य अपने कार्यकाल को पूरा करने वाले हैं। चूंकि यहां वर्तमान में निर्वाचित विधानसभा नहीं है, इसलिए राज्य सभा में इनका कोई प्रतिनिधि नहीं होगा, जब तक कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव नहीं हो जाते हैं।
पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के दो सांसद नजीर अहमद लावे और मीर मोहम्मद फैयाज क्रमशः 10 और 15 फरवरी को अपना कार्यकाल खत्म करेंगे। आजाद 15 फरवरी और भारतीय जनता पार्टी के शमशेर सिंह मन्हास का कार्यकाल 10 फरवरी को खत्म होगा।
राज्यसभा में वापस आने का एक मात्र रास्ता गुलाम नबी आजाद के पास यही है कि वो दो महीने बाद केरल से निर्वाचित होकर आएं। लेकिन पार्टी के अंदरूनी सूत्रों को संदेह है कि क्या केरल राज्य के कांग्रेस नेता एक “बाहरी व्यक्ति” को राज्य से चुने जाने की अनुमति देंगे। इससे पहले, उन्होंने एक राज्यसभा सीट के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री चिदंबरम को समायोजित करने से इनकार कर दिया था।
कई अंदरूनी लोग खड़गे को इस पद की दौड़ में सबसे आगे मानते हैं क्योंकि उन्हें कांग्रेस नेता राहुल गांधी का बहुत करीबी माना जाता है और 2019 में लोकसभा चुनाव हारने के बावजूद राज्यसभा में समायोजित किया गया था। लेकिन इनके अलावा आनंद शर्मा और चिदंबरम भी इस मामले में हैरान कर सकते हैं।