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अलकनंदा का बढ़ा पानी बदरीनाथ के लिए खतरे की निशानी। रिवर फ्रंट का काम बंद क्या होने वाला है? क्या यह पहाड़ पर किसी अनहोनी की निशानी है? क्या यह बड़े विनाश की निशानी है? क्योंकि अलकनंदा को इतने धुंध में इससे पहले कभी नहीं देखा, जितनी इस वक्त दिखाई दे रही है।

क्योंकि जोशीमठ में अलकनंदा नदी का जलस्तर न सिर्फ बढ़ गया है, बल्कि अपनी रफ्तार से लोगों के दिल में दहशत बढ़ा रहा है।  अलकनंदा में बढ़ते जलस्तर को देख बदरीनाथ धाम पर संकट मंडराने लगा है। इसे देखते हुए बदरीनाथ धाम मास्टर प्लान के तहत चल रहे रिवर फ्रंट का काम बंद कर दिया गया है।

बताया जा रहा है कि भीषण गर्मी से हिमालय में ग्लेशियर पिघल रहा है। इससे अलकनंदा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है, जो बढ़ते बढ़ते ब्रह्मकपाल के पास पहुंच चुका है और अब नदी के कटान का खतरा भी बढ़ने लगा है।

दरअसल, जब भी उत्तराखंड में नदियों का जलस्तर बढ़ता है, केदारनाथ की आपदा जेहन में आने लगती है। लेकिन इस बार चर्चा बदरीनाथ धाम को लेकर है। क्योंकि अगर अलकनंदा बेलगाम होती है तो इसका सबसे ज्यादा नुकसान बदरीनाथ धाम को होगा। बड़ी बात यह है कि इस वक्त चार धाम यात्रा चल रही है और श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा हुआ है। 

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