श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने खानूरी बॉर्डर पर गोलीबारी में शहीद हुए युवा किसान शुभकरण की मौत पर दुख व्यक्त किया है। ज्ञानी रघबीर सिंह ने इस पूरी घटना की तुलना जलियांवाला बाग में अंग्रेजों द्वारा भारतीयों पर किये गये अत्याचार से की है. उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक देश में हो रही ये घटना निंदनीय है।
रघबीर ने एक संदेश जारी करते हुए कहा कि खनुरी के पास किसानों पर पुलिस द्वारा की गई सीधी गोलीबारी में एक पंजाबी युवक की मौत और कई अन्य लोगों का गंभीर रूप से घायल होना बहुत दुःखद है. ये किसान ही देश का पेट भरते हैं, दूसरे देशों से आए घुसपैठिए नहीं, जिनके सिर और सीने को सरकारें गोलियों से छलनी कर रही हैं। दिल्ली जा रहे किसानों के प्रदर्शन को रोकने के लिए सरकारों द्वारा अपने अधिकार का प्रयोग करना जलियांवाला बाग में अंग्रेजों द्वारा भारतीयों पर किए गए जुल्म से कम नहीं है।
आगे उन्होंने कहा कि हमारे देश के लोगों का नारा रहा है, जय जवान, जय किसान, क्योंकि जवान देश की सीमाओं की रक्षा करता है और किसान खेतों में अनाज उगाकर देश का पेट भरता है, मगर दुख की बात है कि आज हमारे सैनिक सीमाओं की रक्षा करते हुए गोली खा रहे हैं और हमारी ही सरकार अपना अधिकार मांग रहे किसानों पर गोली चला रही है। ये एक लोकतांत्रिक देश के लिए अत्यंत निंदनीय है। ऐसा दृष्टिकोण देश के भविष्य के लिए अच्छा नहीं है।
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