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Up Kiran, Digital Desk: हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को पकड़कर शेल्टर होम भेजने के संबंध में दिए गए आदेश ने पशु अधिकार कार्यकर्ताओं के बीच बहस को जन्म दिया है। ये आदेश ऐसे समय पर आया है, जब देशभर में आवारा कुत्तों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, जो एक बड़ी समस्या बन चुकी है।
भारत में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या: एक गंभीर संकट
पशुपालन विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में आवारा कुत्तों की संख्या 1.53 करोड़ के करीब पहुँच चुकी है। यह आंकड़ा देश की कुल जनसंख्या का लगभग 1 प्रतिशत है। आवारा कुत्तों की यह बढ़ती संख्या न केवल नागरिकों के लिए परेशानी का कारण बन रही है, बल्कि ये पशु अधिकारों से जुड़ी जटिल समस्याओं को भी जन्म दे रही है।
आवारा कुत्तों की सबसे ज्यादा संख्या वाले राज्य
देश में कई राज्य हैं जहां आवारा कुत्तों की संख्या खासा बढ़ चुकी है। ये राज्य न केवल इन कुत्तों की बढ़ती संख्या से जूझ रहे हैं, बल्कि इस समस्या से निपटने के लिए उन्हें नीतियों और योजनाओं पर पुनः विचार करने की आवश्यकता महसूस हो रही है।
उत्तर प्रदेश: आवारा कुत्तों की सबसे बड़ी संख्या वाले राज्य के रूप में उत्तर प्रदेश सामने आता है, जहां लगभग 20 लाख से अधिक कुत्ते सड़कों पर घूम रहे हैं।
ओडिशा: इस राज्य में 17 लाख से ज्यादा आवारा कुत्ते हैं, जो एक गंभीर स्थिति को दर्शाता है।
महाराष्ट्र: महाराष्ट्र में आवारा कुत्तों की संख्या 12 लाख से ऊपर है, जो इस राज्य के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है।
राजस्थान: यहां पर भी करीब 13 लाख आवारा कुत्ते हैं, जो राज्य सरकार के लिए सिरदर्द बने हुए हैं।
कर्नाटक: कर्नाटक में आवारा कुत्तों की संख्या भी 11 लाख से ज्यादा है, जो स्थानीय प्रशासन के लिए एक चुनौती बनी हुई है।
महानगरों में आवारा कुत्तों का बढ़ता संकट
देश के प्रमुख शहरों में भी आवारा कुत्तों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। बेंगलुरु में इस समस्या का सबसे अधिक असर देखने को मिल रहा है, जहां 1.36 लाख कुत्ते सड़कों पर विचरण कर रहे हैं। दिल्ली में 55,000 से ज्यादा कुत्ते हैं, जबकि मुंबई में यह संख्या 50,000 से ऊपर है। इस तरह के आंकड़े न केवल इन महानगरों के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक गंभीर चुनौती का संकेत हैं।
कुत्तों द्वारा काटने की घटनाओं में वृद्धि
कुत्तों के काटने की घटनाओं में भी भारी वृद्धि देखी जा रही है। इंडिया टुडे के आंकड़ों के मुताबिक, 2022 और 2024 के बीच कुत्तों के काटने की 89 लाख से अधिक घटनाएं दर्ज की गई हैं। यह आंकड़ा साफ तौर पर इस बात का संकेत देता है कि आवारा कुत्तों से उत्पन्न खतरा अब स्वास्थ्य संबंधी एक गंभीर मुद्दा बन चुका है।
कुत्तों के काटने की घटनाओं में सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य
महाराष्ट्र, तमिलनाडु और गुजरात जैसे राज्यों में कुत्तों द्वारा काटने की घटनाओं की संख्या सबसे अधिक पाई जा रही है। इनमें महाराष्ट्र सबसे आगे है, जहां लगभग 13.5 लाख घटनाएं रिपोर्ट की गई हैं। इसके बाद तमिलनाडु और गुजरात का नंबर आता है। इस बढ़ती संख्या ने एक और चिंता को जन्म दिया है, और वह है रेबीज़ जैसी जानलेवा बीमारी का खतरा, जो इन कुत्तों के काटने से फैल सकती है।
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