कोरोना वायरस के कारण देश में 17 मई तक का लॉकडाउन किया गया है. आपको बता दें कि ऐसे में लॉकडाउन (Lockdown 3.0) के 40 दिन बीतने बाद भी प्रवासी मजदूरों अपने घर नहीं जा पाए हैं। प्रशासन से बढ़ती नाराजगी और असंतोष के चलते सोमवार को मजदूर (Migrant Labours) एक बार फिर सड़कों पर उतर आए और घर भेजने की मांग करने लगे।
वहीं सूरत में पुलिस और मजदूरों के बीच हिंसक झड़प हुई जिसके बाद पुलिस को आंसू गैस का सहारा भी लेना पड़ा। वहीं बेंगलुरु और मुंबई में भी पुलिस और मजदूरों के बीच संघर्ष की स्थिति देखनी पड़ी। सभी मजदूर यूपी, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल वगैरह राज्यों के रहने वाले हैं और घर भेजने की मांग पर अड़े हैं।
वहीं ये मजदूर शुक्रवार रात को अपने घर के लिए निकले थे लेकिन गुजरात सीमा से वापस लौटाए जाने के चलते नाराज थे। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए 40 आंसू गैस छोड़े और लाठीचार्ज किया। इसके वीडियो सामने आए जिसमें पुलिस लाठी लेकर मजदूरों को गलियों में दौड़ाते हुए नजर आई।
बता दें कि इस घटना के बाद 200 लोगों को हिंसा फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। आईजी (सूरत रेंज) राजकुमार ने बताया, ‘करीब 3,000 मजदूरों हिंसा में शामिल थे जिनमें से कुछ ने पुलिस पर ऐसिड की बोतलें भी फेंकी।’वाराणसी के एक टेक्टाइल मजदूर राधेश्याम त्रिपाठी ने कहा कि वह कभी सूरत लौटकर नहीं आएंगे। उन्होंने कहा, ‘हमको कुत्तों की तरह भगाया गया दाहोद से।
हमने अपने घर जाने के लिए पूरी पॉकेट मनी खर्च कर दी लेकिन फिर भी हमें प्रताड़ित किया गया और वापस भेज दिया गया। हमारा अपराध सिर्फ इतना है कि हम घर जाना जाहते हैं।’ बिहार के गया निवासी गिरिशंकर मिश्रा कहते हैं, ‘गुजरात में अगर हमारे साथ ऐसे ही सलूक किया गया तो हम वापस नहीं लौटेंगे। पुलिस हमारे साथ आतंकियों की तरह पेश आ रही है।’