झारखंड के मुड़मा गांव में मंदिर की चार मूर्तियां तोड़ने के प्रकरण में पुलिस ने दो आरोपियों को अरेस्ट किया है. मगर आरोपियों पर मूर्ति तोड़ने का नहीं बल्कि सबूत छिपाने का इल्जाम है। पुलिस द्वारा दी गई खबर के मुताबिक, सुखदेव उराँव उर्फ जट्टू ने मुड़मा गांव में चार मंदिरों की मूर्तियों को तोड़ दिया था।
खबर के अनुसार, भगवान की मूर्तियां तोड़ने के बाद सुखदेव घर चला गया. वहां उसने अपने घरवालों को इसकी सूचना दी. तभी रिश्तेदारों ने उसकी पिटाई कर दी। इसी बीच सुखदेव को मिर्गी का दौरा पड़ा और उसकी मौत हो गई। बड़मा में मूर्ति खंडित होने की खबर इलाके में तेजी से फैल गयी. इसके बाद लोग आक्रोशित हो गए. साथ ही भीड़ ने पूरे मांडर क्षेत्र में सड़क जाम कर दिया.
मृतक शख्स के परिजनों को पूरी घटना की सूचना थी. मगर उन्होंने मूर्ति तोड़े जाने की कोई खबर पुलिस को नहीं दी. साथ ही सुखदेव उराँव का शव भी जला दिया गया। पुलिस ने जब पूरे मामले की जांच शुरू की तो एक से एक सबूत हाथ लगे. इसके बाद पुलिस सुखदेव के घर पहुंची और परिजनों से पूछताछ की.
पहले तो परिजनों ने पुलिस को कुछ नहीं बताया. साथ ही कोई खबर भी नहीं दी गई. मगर पुलिस द्वारा सख्ती दिखाने के बाद परिजनों का धैर्य जवाब दे गया. सुखदेव उराँव के भाई एतवा और सोमा उराँव एतवा और सोमा उराँव ने सारी जानकारी पुलिस को दी। इसके बाद पुलिस ने साक्ष्य छिपाने के आरोप में दोनों आरोपियों को अरेस्ट कर लिया।
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