30 अगस्त को रक्षा बंधन का त्योहार है। बाजार में रंगबिरंगी राखियों की भरमार है। भारी संख्या में राखी खरीदने के लिए बाजारों में भीड़ उमड़ रही है। हालांकि दिल्ली से सटे गाजियाबाद में एक ऐसा भी गांव है जहां रक्षा बंधन का त्योहार नहीं मनाया जाता। आपको बता दें कि गाजियाबाद के मुरादनगर इलाके के सुराना गांव में जहां रक्षाबंधन का त्योहार नहीं मनाया जाता बल्कि उस दिन काला दिवस के रूप में मनाया जाता है।
बताया जाता है 12वीं सदी में मोहम्मद गोरी ने इस गांव पर हमला कर दिया था और हाथियों के तले गांववालों को कुचल दिया था। जिसके बाद से यहां पर रक्षाबंधन का त्योहार नहीं मनाया जाता और उस दिन काले दिवस के रूप में इस दिन को मनाया जाता है। वहीं गांववालों के मुताबिक गांववालों का ये भी कहना है अगर कोई रक्षाबंधन यहां मनाता है तो बड़ी घटना घट जाती है। उस अनहोनी के डर से यहां के लोग रक्षाबंधन नहीं मनाते।
आपको बता दें कि सुराना गांव में 12वीं सदी से ही लोग रक्षाबंधन का त्योहार नहीं मनाते और अगर मनाते हैं तो बड़ी अनहोनी हो जाती है और इस डर से भी लोग रक्षाबंधन नहीं मनाते। एक गांव से दूसरी जगह जाकर बसने वाले लोग भी रक्षाबंधन का त्योहार नहीं मनाते। 12वीं सदी से यहां रक्षाबंधन नहीं मनाई जाती।
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