हिंदू पंचांग में बताया गया है कि हर साल भाद्रपद या भादो मास की कृष्ण पक्ष की पष्ठी तिथि को हलछठ (Hal Shashthi 2022) का पर्व मनाया जाता है। धर्म शास्त्रों में लिखा गया है कि इस दिन श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम का जन्म हुआ था। इस महिलाएं अपने पुत्र की लंबी आयु और उनकी सुख समृद्धि के लिए उपवास रखती हैं। ज्योतिषी बता रहे हैं कि इस साल हलछठ व्रत 18 अगस्त को पड़ेगा। हलछठ के दिन महिलाएं पुत्र के हिसाब से छह छोटे मिट्टी के बर्तन या पात्र में पांच या सात प्रकार के अनाज या मेवा भरती हैं।
हलछठ (Hal Shashthi 2022) का पर्व देशभर में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। जैसे कि गुजरात में इसे राधन छठ कहते हैं तो कही यह पर्व हलषष्ठी, हलछठ , हरछठ व्रत, चंदन छठ, तिनछठी, तिन्नी छठ, ललही छठ, कमर छठ, या खमर छठ के नाम से प्रसिद्ध है।
सुबह जल्दी स्नान करके साफ वस्त्र पहनें। इसके बाद विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर निर्जला व्रत रखने। शाम के समय पूजा के बाद फलाहार खाएं। मान्यता है कि इस व्रत को रखने से संतान की आयु लंबी होती है और सुख समृद्धि मिलती है।
हलछठ व्रत में गाय का दूध या दही नहीं इस्तेमाल किया जाता है। इस दिन सिर्फ भैंस के दूध या दही का सेवन किया जाता है। साथ ही हल से जोता हुआ कोई अन्न या फल भी नहीं खाना चाहिए। (Hal Shashthi 2022)
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