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उत्तराखंड में जल्द लागू होगा समान नागरिकता कानून। इसको लेकर राज्य सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है। उत्तराखंड में जल्द ही समान नागरिकता कानून लागू हो जाएगा। इस बात की पुष्टि खुद सीएम धामी ने की है।

सीएम धामी ने चुनाव से पहले भी वादा किया था कि अगर सरकार बनती है बीजेपी की उत्तराखंड में तो समान नागरिकता कानून लागू होगा। इसके लिए बाकायदा एक कमिटी भी बनाई गई थी।

देवभूमि में सीएम पुष्कर धामी ने मात्र सवा साल में उत्तराखंड में कैसे समान नागरिकता कानून यानी यूनिफार्म सिविल कोड कैसे लागू होगा, इस बात की तैयारी कर ली है। राज्य में समान समान नागरिक संहिता का मसौदा पूरी तरीके से तैयार है। सीएम धामी ने मार्च 2022 में एक्सपर्ट कमेटी बनाई थी। जैसा पहले ऐलान था और यह एक्सपर्ट कमिटी यूनिफॉर्म सिविल कोड पर काम कर रही थी। उत्तराखंड कानून पर जनता से प्रतिक्रिया मांगी गई। एक्सपर्ट कमिटी को जनता से 2,31,000 सुझाव मिले और सुझावों के आधार पर एक ड्राफ्ट पूरी तरीके से तैयार कर दिया गया है।

जानें समान नागरिक संहिता की कुछ खासे बातों के बारे में

धामी के समान नागरिक संहिता के मसौदे में क्या कुछ खास है, आईये जानते हैं। पहली बड़ी बात कि लड़कियां ग्रैजुएट हो इसलिए शादी की उम्र बढ़ाई जाएगी। पति पत्नी को समान आधार पर तलाक मिलेगा। यह भी इसके ड्राफ्ट की एक बड़ी बात है। इसके अलावा पति पत्नी को समान आधार पर तलाक मिलने की बातचीत है। यानी जो कानून रहेगा शादी का और तलाक का, वह एक जैसा रहेगा। लिव इन में अगर है तो सेल्फ डिक्लेरेशन देना होगा। अगर कोई कपल लिव इन में रह रहा है तो उसे सेल्फ डिक्लेरेशन देना होगा। इसके अलावा मृत पत्नी के माता पिता की देखभाल करने की जिम्मेदारी उसके पति की होगी। यह भी एक बड़ी बात है। इसके साथ ही अगर पति का निधन होता है, पति की मौत होती है तो जो मुआवजा मिलेगा यानी जो पैसा मिलेगा उन पैसों से पति के माता पिता की देखभाल पत्नी करेगी।

फिलहाल गोवा भारत का एकमात्र ऐसा राज्य है जहां धर्म, लिंग, जाति की परवाह किए बगैर एक समान नागरिक संहिता है। यानी एक जैसा कानून। सभी लोगों के लिए वहां सामान्य परिवार कानून लागू है, जो सब पर लागू होता है, चाहे वह किसी भी धर्म के, किसी भी जाति के हों।

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