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Haridwar News: हरिद्वार से एक दिलचस्प मामला सामने आया है, जिसमें एक पति ने अपनी पत्नी की उम्र को गलत बताकर जीवन बीमा पॉलिसी (insurance policy) लेने की कोशिश की, मगर अंततः ये प्रयास विफल हो गया। पति ने अपनी पत्नी की उम्र 70 वर्ष बताने के बजाय 56 वर्ष बताई, जिससे उन्हें बीमा पॉलिसी प्राप्त (insurance policy) हुई। हालाँकि, छह महीने बाद जब पत्नी का निधन हो गया, तो पति ने बीमा क्लेम करने का प्रयास किया।

इस मामले की जांच के दौरान ग्राम पंचायत के रिकॉर्ड ने सच्चाई को उजागर कर दिया। ये स्पष्ट हो गया कि पॉलिसी लेते समय पत्नी की उम्र के बारे में गलत जानकारी (Insurance policy fraud) दी गई थी। इसके बाद हरिद्वार के जिला उपभोक्ता आयोग ने पति को राहत देते हुए एलआईसी को 50,000 रुपये मुआवजे का आदेश दिया, साथ ही छह प्रतिशत ब्याज और 5,000 रुपये मुकदमा खर्च भी देने का निर्देश दिया। मगर ये फैसला राज्य उपभोक्ता आयोग ने 22 अक्टूबर को खारिज कर दिया।

राज्य आयोग ने मृतका के जन्म प्रमाणपत्र के आधार पर यह निर्णय लिया कि एलआईसी ने अपनी सेवाओं में कोई कमी नहीं की। बीमा पॉलिसी के आवेदन में बीमाधारक को अपनी उम्र की सही जानकारी देनी थी। बीमा केवल 18 से 59 वर्ष की आयु के लोगों के लिए था, जबकि आवेदक की वास्तविक उम्र 70 वर्ष थी, जिसे 56 वर्ष के रूप में प्रस्तुत किया गया था।

ये मामला इस बात का प्रमाण है कि बीमा लेते वक्त सत्यापन की प्रक्रिया कितनी अहम होती है। हरिद्वार की इस बुजुर्ग के लिए जनवरी 2014 में आम आदमी बीमा योजना (जननी) के तहत पॉलिसी खरीदी गई थी, जिसमें बीमित राशि तीस हजार रुपये थी। मगर जब जुलाई 2014 में महिला का निधन हुआ, तो ये पूरी स्थिति विवाद का सबब बन गई।
 

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