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खराब कोलेस्ट्रॉल के लक्षण हाल ही में हाई कोलेस्ट्रॉल एक ऐसी बीमारी है जो डायबिटीज और ब्लड प्रेशर की बीमारियों के साथ बढ़ती ही जा रही है. जब शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है तो कई बीमारियां बढ़ने लगती हैं।

हमारे स्वस्थ शरीर को चुनौती देने वाली ऐसी हानिकारक बीमारियों से बचने के लिए समय रहते इनके लक्षणों को समझ लेना बहुत जरूरी है। जिससे सही समय पर इसका इलाज करना आसान हो जाता है। आज हम हाई कोलेस्ट्रॉल के कुछ लक्षण देखने जा रहे हैं। यह रोग का निदान करने में मदद करेगा।

खराब कोलेस्ट्रॉल के संकेत

शरीर में दो प्रकार के कोलेस्ट्रॉल होते हैं, अच्छा कोलेस्ट्रॉल और बुरा कोलेस्ट्रॉल, जिसकी मदद से हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर की जांच की जा सकती है। बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से कई तरह की बीमारियां होने की आशंका रहती है। ऐसे में अगर हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या को नजरअंदाज किया जाए तो यह हमारी जान भी ले सकती है।

जब शरीर में खराब वसा नसों में जमा होने लगती है तो रक्त प्रवाह धीमा हो जाता है। ऐसे में हार्ट अटैक और दिल से जुड़ी अन्य बीमारियों के अलावा स्ट्रोक जैसी बीमारियां भी हो सकती हैं। गलत खान-पान और बदली हुई जीवनशैली के कारण यह रोग हो सकता है। ब्लड टेस्ट के जरिए इस बीमारी का पता लगाया जा सकता है। मगर कुछ लक्षण ऐसे होते हैं जिनसे हम इस बीमारी की पहचान कर सकते हैं। आइए जानते हैं लक्षण।

पहला

अगर गर्मी के दिनों में भी आपके तलुए ठंडे महसूस होते हैं, तो यह हाई कोलेस्ट्रॉल का संकेत हो सकता है, इसलिए जल्द से जल्द अपने कोलेस्ट्रॉल की जांच करवाना फायदेमंद होगा। अन्य कारणों से भी पैरों के तलवों में सूजन हो सकती है। इसलिए इस लक्षण को नजरअंदाज करना आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।

दूसरा संकेत

शरीर में पोषक तत्वों और ऑक्सीजन की कमी त्वचा को प्रभावित कर सकती है और इसे पीला बना सकती है। मगर वहीं, शरीर में रक्त का प्रवाह सुचारू नहीं होने पर पैरों की त्वचा का रंग भी बदल सकता है। पैरों में ऐंठन की भी समस्या हो सकती है। यह किडनी के खराब स्वास्थ्य को दर्शाता है। ऐसे में जरूरी है कि आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें और समय पर इलाज शुरू करें।

तीसरा लक्षण

कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के कारण अक्सर पैरों में दर्द होने लगता है। कई लोग इसके लिए पेन किलर या अन्य दवाएं लेते हैं, मगर यह समझना जरूरी है कि यह बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल का संकेत भी हो सकता है। हमारे शरीर में कुल कोलेस्ट्रॉल को 200 mg/dl तक कम किया जाना चाहिए। वहीं, एलडीएल यानी खराब कोलेस्ट्रॉल को घटाकर 100 मिलीग्राम/डीएल करना जरूरी है। इससे अधिक कोलेस्ट्रॉल का स्तर पैरों और शरीर के अन्य हिस्सों पर लक्षण पैदा कर सकता है।

नोट: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। ज्यादा जानने के लिए हमेशा अपने चिकित्सक से सलाह लें। 

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