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नई दिल्ली।। कोविड-19 को देखते हुए पीएम मोदी ने PM CARES के नाम से एक कोष की स्थापना की गयी थी और अपील की थी कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए इस फंड में ज्यादा से स्वेत्छा से सहयोग करें। इस फंड में लोगों ने बढ़ चढ़ कर सहयोग भी किया। वहीँ इस फंड में सहयोग कराने का एक अनूठा मामला सामने आया है। खबर बिहार से है जहाँ पटना हाई-कोर्ट ने एक अनोखी बात कही है। अगर आप बिहार में हैं, जहां शराबबंदी है और आप शराब पीते या बेचते गिरफ़्तार हुए हैं तो पटना हाई कोर्ट ने ज़मानत का एक नया नुस्ख़ा दिया है।

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हाई-कोर्ट पटना ने कहा है कि शराब बरामद होने के हिसाब से राशि जमा कराने की सहमति देने वाले अभियुक्तों को रिहा कर दिया जायेगा, लेकिन आरोपियों को ये पैसा पीएम केयर्स (PM-Cares) फंड में जमा करना होगा।

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पटना हाई-कोर्ट में न्यायाधीश अंजनी कुमार शरण ने शनिवार को एक नहीं बल्कि शराबबंदी से सम्बंधित कई मामलों में ये फ़ैसला दिया है। जिससे अनुमान है कि पीएम केयर्स फंड में कम से कम तीन लाख रुपये जमा हुए होंगे। कोरोना को रोकने के लिए देश में लागू लॉकडाउन के समय शराबबंदी के मामलों में पटना हाइकोर्ट ने यह अनोखा निर्णय दिया है।

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हाई-कोर्ट ने निचली अदालत को आदेश दिया है कि किसी आरोपी का ज़मानत याचिका तभी स्वीकार किया जाये जब वो पीएम केयर्स फंड में जमा की गई राशि का रशीद दिखाये।

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कोर्ट ने निचली अदालत को आदेश दिया कि किसी आरोपी का ज़मानत याचिका तभी स्वीकार किया जाये जब वो पीएम केयर्स फंड में जमा की गई राशि का रशीद दिखाये। हालांकि, किसी आरोपी ने ज़मानत की इस शर्त पर अपना विरोध नहीं जताया हैं। इससे पूर्व भी पटना हाई कोर्ट ने एक बिल्डर को फर्जीवाड़े के एक केस में इस शर्त पर ज़मानत दी थी कि वो कोरोना पीड़ितों की सेवा करेंगे।

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