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तेहरान। ईरान में हिजाब (Hijab Controversy)  को लेकर हिरासत में ली गई छात्रा की मौत होने के बाद से उपजा बवाल दस दिन बीत जाने के बाद भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं पुलिस की बर्बरता से हुई एक अन्य युवती की मौत ने इसे और भी भड़का दिया है। एक रिपोर्ट के अनुसार प्रदर्शन के दौरान पुलिस की गोलीबारी का शिकार हुई 20 वर्षीय युवती की पहचान हदीस नजफी के रूप में हुई। हदीस ने प्रदर्शन के दौरान हिजाब नहीं पहना था जिससे पुलिस ने उस पर गोली चला दी। युवती की बहन ने एक अमेरिकी कार्यकर्ता को बताया कि बुधवार को सुरक्षा बलों की गोली लगने से उसकी मौत हो गई। बताया जा रहा है कि युवती के सिर और गर्दन में 6 बार गोली मारी गई थी।

बता दें कि मृतका की गोली लगने के बाद की फोटो सोशल मीडिया पर पूरे दिन वायरल होती रही। रिपोर्ट में ये भी बताया जा रहा है कि हिजाब के विरुद्ध लोगों में बढ़ रहे असंतोष के बाद भड़के प्रदर्शनों को रोकने के लिए पुलिस भारी बल का प्रयोग कर रही है। वहीं हिजाब विरोधी (Hijab Controversy)  प्रदर्शनों में कई महिलाएं हिजाब को आग भी लगा रही हैं। सरकारी आंकड़ों पर गौर करें तो अब तक इन प्रदर्शनों में 41 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं कई स्वतंत्र संस्थाओं की मानें तो पुलिस की गोलीबारी में कम से कम 50 लोग मारे जा चुके हैं। इन प्रदर्शनों में दीस नजफी, गजाला चेलावी, हनाना किया और माहशा मोगोई की मौत सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी रहीं।

बताया जा रहा है कि ईरान ने देश में लगातार हो रहे प्रदर्शनों पर लोगों का साथ देने के लिए नॉर्वे के राजदूत को उनकी संसद के अध्यक्ष मसूद घराहखानी की टिप्पणी के लिए समन भेजा है। बता दें कि तेहरान में पैदा हुए घराहखानी ने रविवार को ट्विटर पर प्रदर्शनकरियों का साथ देते हुए लिखा कि अगर उनके माता-पिता ने 1987 में ईरान से भागने का विकल्प नहीं चुना होता, तो वह भी उन लोगों में से एक होते जो इस समय सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। आपको बता दें कि हिजाब को लेकर ईरान के कुर्द-आबादी वाले उत्तर-पश्चिमी इलाकों से शुरू हुआ ये प्रदर्शन राजधानी और कम से कम 50 शहरों और कस्बों में फैल चुका है।(Hijab Controversy)

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