Hindi Diwas: जानिए हिंदी कैसे और कब बनी थी राजभाषा, और इस दिन होने वाले अनेक कार्यक्रम

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नई दिल्ली, 11 सितंबर, यूपी किरण: हिन्दी दिवस (Hindi Diwas) के दौरान कई  प्रकार के कार्यक्रम होते हैं। इस दिन छात्र-छात्राओं को हिन्दी के प्रति सम्मान और दैनिक व्यवहार में हिन्दी के उपयोग करने आदि की शिक्षा प्रादान की जाती है। और हिंदी का महत्व बताया जाता है। जिसमें हिन्दी निबंध लेखन, वाद-विवाद हिन्दी टंकण प्रतियोगिता आदि सब कुछ होता है। वहीं हिन्दी दिवस पर हिन्दी के प्रति लोगों को प्रेरित करने हेतु भाषा सम्मान की शुरुआत की गई है। यह सम्मान प्रतिवर्ष देश के ऐसे व्यक्तित्व को दिया जाएगा।

जिसने जन-जन में हिन्दी भाषा के प्रयोग एवं उत्थान के लिए विशेष योगदान दिया है। इसके लिए सम्मान स्वरूप एक लाख एक हजार रुपये दिये जाते हैं।   हिन्दी में निबंध लेखन प्रतियोगिता के द्वारा कई जगह पर हिन्दी भाषा के विकास और विस्तार हेतु कई बाते और सुझाव भी प्राप्त किए जाते हैं। लेकिन अगले दिन सभी हिन्दी भाषा को भूल जाते हैं। हिन्दी भाषा को कुछ और दिन याद रखें इस कारण राष्ट्रभाषा सप्ताह का भी आयोजन होता है। जिससे यह कम से कम वर्ष में एक सप्ताह के लिए तो रहती ही है।

जिसको लेकर  हिन्दी दिवस (Hindi Diwas) प्रत्येक वर्ष 14 सितम्बर को मनाया जाता है। 14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा  ने एक मत से यह निर्णय लिया कि हिन्दी ही भारत  की राजभाषा होगी। इसी महत्वपूर्ण निर्णय के महत्व को प्रतिपादित करने तथा हिन्दी को हर क्षेत्र में प्रसारित करने के लिये राष्ट्रभाषा प्रचार समिति वर्धा के अनुरोध पर वर्ष 1953 से पूरे भारत में 14 सितम्बर को प्रतिवर्ष हिन्दी-दिवस (Hindi Diwas) के रूप में मनाया जाता है। और साथ ही एक तथ्य यह भी है कि 14 सितम्बर 1949 को हिन्दी के पुरोधा व्यौहार राजेन्द्र सिंहा का 50-वां जन्मदिन भी था। जिन्होंने हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए बहुत लंबा संघर्ष किया। जिसके चलते 14 सितम्बर को हिन्ही का एक दिन उभर कर सामने आया। हिन्दी दिवस के दिन मनाए जाने वाले कार्यक्रम ये हैं।

हिन्दी निबन्ध लेखन

वाद-विवाद

विचार गोष्ठी

काव्य गोष्ठी

श्रुतलेखन प्रतियोगिता

हिन्दी टंकण प्रतियोगिता

कवि सम्मेलन

पुरस्कार समारोह

राजभाषा सप्ताह

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