दिल्ली के दो बड़े अस्पतालों ने एक जख्मी मरीज को यह कहकर वापस भेज दिया कि वेंटिलेटर खाली नहीं है। इसके बाद एक चौंकाने वाली घटना घटी जहां मरीज की अस्पताल के बाहर ही मौत हो गई। पुलिस मृतक को एक मामले में पूछताछ के लिए थाने ला रही थी, तभी वह कार से बाहर कूद गया, जिससे उसके सिर में गंभीर चोटें आईं। इसके बाद पुलिस उसे उपचार के लिए कई अस्पतालों में ले गई।
पुलिस के अनुसार, मामला उत्तर पूर्वी दिल्ली के उस्मानपुर इलाके का है। यहां 2 जनवरी की शाम एक महिला ने पुलिस को फोन कर बताया कि उसके घर के बाहर कोई उसके साथ दुर्व्यवहार कर रहा है। इसके बाद दो पुलिसकर्मी आए और प्रमोद नाम के आरोपी को पूछताछ के लिए अपनी गाड़ी में लेकर चले गए। इसी बीच रास्ते में प्रमोद ने उल्टी करने का नाटक किया और कार की खिड़की से बाहर कूद गया। पुलिस का कहना है कि प्रमोद नशे में था।
कूदने से प्रमोद के सिर में गंभीर चोट लग गई। इसके बाद पुलिस उन्हें पहले जीटीबी अस्पताल ले गई, मगर वहां सीटी स्कैन की सुविधा नहीं होने के कारण उन्हें एलएनजेपी रेफर कर दिया गया, मगर एलएनजेपी में वेंटिलेटर नहीं होने के कारण उन्हें आरएलएम रेफर कर दिया गया। मगर वहां भी वेंटिलेटर खाली नहीं होने के कारण भर्ती नहीं किया गया। इसके बाद जख्मी प्रमोद की एलएनजेपी वापस लाते समय मौत हो गई।
इस बारे में आरएमएल अस्पताल प्रशासन से बात करने की कोशिश की गई, मगर उनकी ओर से कोई जवाब नहीं मिला। एलएनजेपी अस्पताल के एमएस का कहना है कि जांच जारी है। पुलिस ने प्रमोद के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। अब प्रमोद की मौत का सही तरीका सामने आएगा।
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