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उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ में जिला महिला अस्पताल में WHO दफ्तर में प्रशासनिक सहायक/लेखा अधिकारी के पद पर कार्यरत 26 वर्षीय पल्लवी सिंह की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। पल्लवी नगर थाने के सामने एक कॉलोनी में किराये के मकान में रहती थी। जौनपुर से पल्लवी के परिजनों ने गंभीर इल्जाम लगाया है कि पल्लवी के परिचित ने ही उसे जहर देकर मार डाला।

पल्लवी सिंह के शव का पोस्टमार्टम कराया गया। मगर पल्लवी की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत की वजह साफ नहीं हुई है। पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे पल्लवी सिंह के मामा विनोद सिंह ने पल्लवी को जहर देकर मारने का इल्जाम लगाया। उन्होंने बताया कि इल्जामी शख्स को जानकारी मिली कि किराये के मकान में कोई नहीं है। इसके बाद वह वहां पहुंच गया। घटना के बाद वह और उसकी बाइक वहीं मिलीं। पल्लवी के माता-पिता नहीं चाहते थे कि पल्लवी इस युवक से शादी करे। बार-बार खारिज किया गया।

लड़की के पिता प्रमोद कुमार सिंह ने आज़मगढ़ के शहर कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई है। इसमें उन्होंने कहा है कि उनकी बेटी पल्लवी सिंह एक सप्ताह से किराये के मकान में अकेली थी। उनकी शादी 20 फरवरी 2024 को होने वाली थी। 5 मई 2023 को ग़ाज़ीपुर के युवाओं के साथ वररक्षा कार्यक्रम आयोजित किया गया। पल्लवी के पिता ने बताया कि 24 अगस्त 2023 को दोपहर 12:40 बजे गौरव कुमार सिंह के पिता सूर्यजीत सिंह ने मेरे फोन पर लड़की की मौत की सूचना दी।

पल्लवी के पिता ने बताया कि बच्ची की मौत की खबर सुनने के बाद जब वे उसके कमरे में पहुंचे तो पता चला कि गौरव करीब एक हफ्ते से उसके साथ रह रहा था। वह बुलेट बाइक पर आया था। लड़की की मौत के वक्त वह भी वहीं था। लड़की के शरीर पर चोट के निशान दिख रहे थे। पल्लवी के पिता ने शिकायत में कहा है कि गौरव कुमार सिंह, भाई चंदन सिंह और गौरव की मां रंभा सिंह ने युवती के मर्डर की साजिश रची। इन लोगों ने अपराध दर्ज नहीं होने देने के लिए जान से मारने की धमकी दी है।

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