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मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने यह फोटो पोस्ट किया जिसमें गुरु गोलवलकर को कोट करते हुए लिखा है कि उन्होंने 1940 में कहा था, मैं सारी जिंदगी अंग्रेजों की गुलामी करने के लिए तैयार हूं, लेकिन जो दलित, पिछड़ों और मुसलमानों को बराबरी का अधिकार देती हो। ऐसी आजादी मुझे नहीं चाहिए। इस ट्वीट के बाद कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के विरूद्ध मुकदमा हो गया।

दिग्विजय सिंह पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस के सर संघचालक रहे सदाशिवराव गोलवलकर के विरूद्ध एक विवादित ट्वीट का आरोप लगा है। जिसके बाद दिग्विजय सिंह पर नफरत फैलाने के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई गई। कांग्रेस नेता पर यह एफआईआर इंदौर में दर्ज कराई गई है।

दरअसल, दिग्विजय सिंह ने शनिवार 8 जुलाई को एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, गुरु गोलवलकर जी के दलितों, पिछड़ों और मुसलमानों के लिए और राष्ट्रीय जल, जंगल और जमीन पर अधिकार पर क्या विचार थे? अवश्य जानिए इस फोटो पोस्ट में। गुरु गोलवलकर को कोट करते हुए क्या कुछ लिखा है। हमने आपको शुरुआत में ही बता दिया। साथ ही इस तस्वीर में लिखा है सदाशिवराव गोलवलकर ने अपनी पुस्तक वी एंड आर नेशनहुड आईडेंटीफाई में स्पष्ट लिखा है कि जब भी सत्ता हाथ लगी तो सबसे पहले सरकार की धन संपत्ति, राज्यों की जमीन और जंगल अपने दो तीन विश्वसनीय धनी लोगों को सौंप दें। 95% जनता को भिखारी बना दें। उसके बाद सात जन्मों तक सत्ता हाथ से नहीं जाएगी।

सिंह के इस ट्वीट के बाद आरएसएस की तरफ से प्रतिक्रिया सामने आई है। आरएसएस नेता सुनील आम्बेकर ने दिग्विजय सिंह के इस ट्वीट को तथ्यहीन बताया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, गोलवलकर गुरूजी के संदर्भ में यह ट्वीट तथ्यहीन है और सामाजिक विद्वेष उत्पन्न करने वाला है। संघ की छवि धूमिल करने के उद्देश्य से यह झूठी फोटोशॉप की गई तस्वीर है। गुरुजी ने कभी भी ऐसी बात नहीं कही। 

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