नई दिल्ली॥ कोरोना से जूझ रहे वेस्ट बंगाल में अगले कुछ महीनों में ही विधानसभा का चुनाव होना है। ऐसे में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अध्यक्षता वाली सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस से लेकर मुख्य विपक्षी पार्टी BJP तक ने इस संकट की घड़ी को भी मास्क के जरिए राजनीतिक संदेश देने का जरिया बना लिया है।
सीएम की एक तस्वीर सामने आई है जिसमें उनकी साड़ी के बॉर्डर का रंग आसमानी है और उसी रंग का मास्क भी उन्होंने पहना है जिस पर वेस्ट बंगाल का नक्शा बना हुआ है और सफेद रंग से बांग्ला भाषा में “मां” लिखा हुआ है। इस मां शब्द का ममता बनर्जी की पार्टी के लिए खास महत्व है। मुख्यमंत्री ने अपनी पार्टी का नारा दिया है “मां, माटी और मानुष”। विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री के मास्क पर मां लिखे होने का स्पष्ट राजनीतिक संकेत है।
इधर कुछ दिनों पहले प्रदेश BJP अध्यक्ष दिलीप घोष भी एक ऐसे मास्क पहने नजर आए थे जो भगवा रंग का था और उस पर BJP का चुनाव चिन्ह “कमल का फूल” बना था। अब इन तस्वीरों को लेकर दोनों पार्टियों के बीच राजनीतिक कटाक्ष भी तेज हो गया है।
बंगाल सरकार में मंत्री शोभन देव चटर्जी का कहना है कि भगवा मास्क पहनना बंगाल में BJP के किसी काम आने वाला नहीं है। हम लोग कोरोना से जूझ रहे हैं, फिर अम्फान भी आ गया है ऐसे में भगवा मास्क कुछ नहीं करेगा। हमें काम ही करना होगा।
इस पर पलटवार करते हुए BJP के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने कहा कि सत्तारुढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस कोरोना के खिलाफ नहीं लड़ रही है बल्कि BJP के खिलाफ लड़ रही है। BJP नेता ने कहा कि टीएमसी अपने आप को बचाने की कोशिश कर रही है। हैरानी नहीं होगी कि वो लोग मास्क पर ममता बनर्जी की तस्वीर लगा लें।
उन्होंने कहा कि मास्क पर कमल का फूल लगाना कोई राजनीतिक मसला नहीं है, कुछ समर्थकों ने इसे तैयार किया है। लेकिन इस पर कहीं भी BJP नहीं लिखा है, कमल तो राष्ट्रीय फूल है। आखिर टीएमसी को भगवा रंग से इतना डर क्यों लग रहा है?
सिन्हा ने कहा कि संकट के इस वक्त में हम मास्क या साड़ी के रंग पर बहस नहीं करेंगे, बल्कि ये कहेंगे कि बंगाल सरकार ने संकटकाल में किसी को ना तो मास्क दिया और ना ही भोजन। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की पहली प्राथमिकता राजनीति करना है। भले ही बंगाल के लोग संकट में परेशान होते रहें।