नई दिल्ली: कंद की तीन किस्में होती हैं। इसका उपयोग सुगंधित तेल और इत्र बनाने के लिए भी किया जाता है। इसमें कई औषधीय गुण भी होते हैं। ज्योतिष और वास्तु के अनुसार इस पौधे को घर के आंगन में लगाने से वास्तु दोष दूर होते हैं और साथ ही घर में सुख, प्रसिद्धि, धन और समृद्धि का वातावरण बना रहता है।
रजनीगंधा: रजनीगंधा को रजनीगंधा कहते हैं। यह पौधा पूरे भारत में पाया जाता है। मैदानी इलाकों में अप्रैल से सितंबर तक और पहाड़ी इलाकों में जून से सितंबर तक फूल आते हैं। कंद की तीन किस्में होती हैं।
घर में किस दिशा में लगाएं : कंद को घर में पूर्व या उत्तर दिशा में उचित स्थान पर रखना चाहिए।
रजनीगंधा का प्रयोग : कंद के फूलों का उपयोग माला और गुलदस्ते बनाने में किया जाता है। इसकी लंबी छड़ियों का उपयोग सजावट के रूप में भी किया जाता है। इसका उपयोग सुगंधित तेल और इत्र बनाने के लिए भी किया जाता है। इसमें कई औषधीय गुण भी होते हैं। इसके फूल प्रेम के प्रतीक हैं। इसे घर में रखने से दांपत्य जीवन में मधुरता आती है। ज्योतिष और वास्तु के अनुसार इस पौधे को घर के आंगन में लगाने से वास्तु दोष दूर होते हैं और साथ ही घर में सुख, प्रसिद्धि, धन और समृद्धि का वातावरण बना रहता है।