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independence day 2024: हिंदुस्तान की आजादी की लड़ाई में केवल हिंदुस्तानी ने ही नहीं बल्कि बाहरी देश के लोगों ने भी बहुत संघर्ष किया है। आजादी की लड़ाई के दौरान विदेशी महिला ने हिंदुस्तान की आजादी का बिगुल बजाया था. आइए जानते है इस बहादुर महिला के योगदानों के बारे में

कई बाहरी लोगों ने हिंदुस्तानियों की खूब सहायता की. उन्हीं में से एनी बेसेंट का नाम हमेशा लिया जाता है।

एनी बेसेंट का जन्म लंदन (यूके) में हुआ था, मगर प्रेम उनको हिंदुस्तान से था. उन्होंने हिंदुस्तान में माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई के साथ साथ यहां पर होने वाले आजादी की लड़ाई में बढ़ चढ़ के हिस्सा भी लिया।

सन् 1916 में एनी बेसेंट ने होम रूल लीग की स्थापना की थी. इस लीग का नेतृत्व करते हुए बेसेंट ने हिंदुस्तान की आजादी के लिए काफी संघर्ष किया. जेल गई, प्रदर्शन किया और लाठियां भी खाई।

सन् 1917 में रिहाई के बाद उन्होंने कांग्रेस पार्टी की अध्यक्षता ग्रहण की। एनी कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष बनी थी. फिर स्वतंत्रता संग्राम में उन्होंने अपनी आत्म शक्ति के साथ आग झोंक दी. निरंतर संघर्ष और हिंदुस्तान के प्रति प्रेम ने उनको हिंदुस्तान का स्वतंत्रता सेनानी बना दिया।

बता दें कि एनी बेसेंट शिक्षा पर बहुत जोर देती थी। एनी ने आंध्र प्रदेश में मदनपल्ले कॉलेज, वारार्सी में गर्ल्स कॉलेज की स्थापना की. देश की ऐसी ही कई मशहूर कॉलेज और यूनिवर्सिटी की स्थापनाओं में बेसेंट का अहम योगदान रहा था।

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