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Up kiran,Digital Desk : दोस्तों, भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में पिछले कुछ महीनों से काफी उथल-पुथल मची हुई है। सबसे बड़ा सवाल यही बना हुआ है कि भारत में मौजूद बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का अब क्या होगा? इस मामले में बुधवार को एक बड़ा अपडेट सामने आया है। भारत सरकार ने आधिकारिक तौर पर पुष्टि कर दी है कि बांग्लादेश ने शेख हसीना को वापस भेजने (प्रत्यर्पण) का औपचारिक अनुरोध किया है।

यह खबर इसलिए अहम है क्योंकि बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद वहां बनी अंतरिम सरकार लगातार हसीना को वापस लाने की कोशिश में जुटी है।

विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बुधवार को मीडिया को बताया कि भारत को बांग्लादेश की तरफ से शेख हसीना के प्रत्यर्पण का अनुरोध मिल गया है। उन्होंने बहुत नपे-तुले शब्दों में कहा, "हमें अनुरोध प्राप्त हुआ है। अभी हमारे अधिकारी न्यायिक और आंतरिक कानूनी प्रक्रियाओं के तहत इसकी जांच कर रहे हैं।"

इसका सीधा मतलब है कि भारत ने अभी 'हाँ' या 'ना' नहीं कहा है, बल्कि यह मामला अब कानूनों और संधियों के पेंच में परखा जाएगा। जायसवाल ने यह भी साफ किया कि भारत हमेशा से बांग्लादेश के लोगों की भलाई, वहां की शांति और लोकतंत्र का पक्षधर रहा है।

बांग्लादेश क्यों मांग रहा है शेख हसीना को?

आपको बता दें कि यह दूसरी बार है जब बांग्लादेश ने आधिकारिक तौर पर यह मांग की है। बांग्लादेश की मौजूदा मोहम्मद यूनुस सरकार का कहना है कि शेख हसीना पर वहां कई गंभीर आरोप हैं। खबर के मुताबिक, वहां के एक विशेष न्यायाधिकरण (Special Tribunal) ने 17 नवंबर को उन्हें "मानवता के खिलाफ अपराध" के लिए मौत की सजा सुनाई थी।

बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार एम. तौहीद हुसैन का कहना है कि अब हालात बदल चुके हैं। पहले सिर्फ आरोप थे, लेकिन अब अदालती प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और सजा का एलान भी हो गया है। इसलिए, उन्होंने भारत से उम्मीद जताई है कि वो अपनी पुरानी संधियों का सम्मान करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री को वापस भेज देगा।

भारत के सामने क्या है चुनौती?

यह मामला भारत के लिए कूटनीतिक रूप से काफी पेचीदा है। एक तरफ शेख हसीना भारत की पुरानी सहयोगी रही हैं, तो दूसरी तरफ पड़ोसी देश के साथ रिश्ते भी संभालने हैं।
हुसैन ने मीडिया से बातचीत में कहा, "हमें उम्मीद है कि भारत जवाब देगा। हो सकता है एक हफ्ते में जवाब न आए, लेकिन हम जवाब का इंतजार कर रहे हैं।"

गौरतलब है कि पिछले एक साल में शेख हसीना की भारत में मौजूदगी को लेकर ढाका और दिल्ली के रिश्तों में थोड़ी कड़वाहट भी आई है। प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस ने भी इसे लेकर पहले चिंता जताई थी। अब देखना यह होगा कि भारत का कानून मंत्रालय और विदेश मंत्रालय इस अनुरोध पर क्या फैसला लेता है—क्या हसीना भारत में ही रहेंगी या उन्हें ढाका लौटना पड़ेगा?

यह मामला अब पूरी तरह से कानूनी जांच और दोनों देशों की कूटनीति पर निर्भर करेगा।