राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी अकेले इलेक्शन लड़ रही है। हरियाणा में जेजेपी के साथ गठबंधन है, मगर भाजपा ने राजस्थान में गठबंधन के लिए मना कर दिया। ऐसे में जेजेपी ने 20 सीटों पर प्रत्याशी खड़े कर दिए हैं। ये सभी कैंडिडेट कांग्रेस से ज्यादा बीजेपी को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी का सारा फोकस जाट वोट बैंक पर है। ऐसे में राजनीतिक विशेषज्ञों ने बताया कि कि बीजेपी को जेजेपी की अनदेखी भारी पड़ सकती है। जेजेपी ने जिताऊ और टिकाऊ नेताओं को टिकट दिया है। सभी अपनी अपनी सीट पर मेहनत भी कर रहे हैं, मगर 2 से 3 सीटों को छोड़कर जेजेपी जीतने की स्थिति में नहीं है।
ये अहम है कि जेजेपी बीजेपी के वोट काट कर बीजेपी उम्मीदवारों को नुकसान पहुंचा सकती है। राजस्थान में चुनावी तारीख के ऐलान के बाद दोनों दलों के बीच गठबंधन की बात भी चली थी। भाजपा गठबंधन के लिए तैयार थी, मगर भाजपा के स्थानीय नेताओं के विरोध के चलते गठबंधन नहीं हो पाया। हरियाणा में जेजेपी भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी पार्टी है।
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