जब भी हम बचपन में बीमार पड़ते थे हमारे घरवालें हमें दवा खाने के लिए देते हैं। यदि आपने एलोपैथी की दवाइयां खाई होंगी तो बेहद ही कड़वी होती है मगर अगर आपने होम्योपैथी की गोलियां खाई होंगी तब आपके मन में यह सवाल जरूर आता होगा कि आखिर ये गोलियां मीठी क्यों होती है? तो चलिए आज की खबर में जानते हैं कि आखिर होम्योपैथी की दवा की जो गोलियां हैं वो इतनी ज्यादा मीठी क्यों होती है।
होम्योपैथी के बारे में कहा जाता है कि यह बीमारी को जड़ से ही खत्म कर देता है। इस उपचार की दवाइयां अच्छा असर कर सके इसलिए मरीज को अपनी दवाइयों का कोर्स पूरा करना जरूरी होता है। हालांकि अगर आप भी होम्योपैथी की दवा लेते होंगे तब आपके मन में यह सवाल आता होगा कि आखिर दूसरी दवाइयां यानी कि अंग्रेजी दवा की दवाइयां कड़वी होती है पर होम्योपैथी की दवाइयां मीठी क्यों होती है? होम्योपैथिक की दवाएं एल्कोहॉल के माध्यम से तैयार की जाती है। इस वजह से इनका स्वाद काफी कसैला हो जाता है।
कई बार अल्कोहल की अधिक मात्रा की वजह से मुंह में छाले होने का भी खतरा रहता है। इसलिए इन्हें मीठी गोलियों के साथ मिलाकर मरीज को दिया जाता है। ये गोलियां दूध या गन्ने के ग्लूकोज से तैयार की जाती हैं, ताकि मरीज बिना किसी भी परेशानी से खा सके। वैसे आपको बता दें कि होम्योपैथी की दवा लेने का भी एक सही तरीका होता है। खाना खाने के 10 मिनट बाद ही आप होम्योपैथी की दवा लें।
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