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केंद्र सरकार के अध्यादेश को लेकर सियासत तेज हो चुकी है। जहां एक तरफ आम आदमी पार्टी लगातार मोदी सरकार के विरूद्ध मोर्चा खोल रही है। तो वहीं दूसरी तरफ आप ने दूसरे दलों का भी साथ मिल रहा है। पहले नीतीश ने केजरीवाल के सुर में सुर मिलाया। अब ममता ने भी साथ दिया है। ये समर्थन बीजेपी को टेंशन दे रहा है क्योंकि ये मुलाकात महागठबंधन की मजबूती की ओर इशारा कर रही है।

जब दो विरोधी दलों के बीच मुलाकात होती है तो उसके कई मायने निकाले जाते हैं। अब दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के बीच मुलाकात हुई जिसके मायने मोदी सरकार को मुश्किल में डाल रहे हैं, क्योंकि ये बैठक ना सिर्फ केंद्र सरकार के अध्यादेश के विरूद्ध हुई बल्कि इसमें साल 2024 को लेकर वो रणनीति बनी है जिससे मोदी के विजय रथ पर ब्रेक लग सकता है।

दरअसल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की। इस दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री संजय सिंह राघव चड्ढा भी मौजूद रहे। मीटिंग के बाद आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जहां इनकी सरकार नहीं होती है, वहां एलजी के जरिये शासन चलाया जाता है।

केजरीवाल ने दावा किया कि हमारी सरकार को काम नहीं करने दिया जा रहा है। ऐसे में इस अहंकारी सरकार को हटाना जरूरी है। केंद सरकार ने हमारी सारी शक्तियां छीन ली हैं। ये लोग सीबीआई का गलत इस्तेमाल करके पूरे देश भर में विपक्ष की सरकारों को परेशान करने का काम कर रहे हैं। इतना ही नहीं अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में इन्होंने जो किया वो जनतंत्र के विरूद्ध है। मैं दीदी का धन्यवाद करूंगा कि राज्य सभा में इन्होंने कहा कि वो हमारा समर्थन करेंगी। राज्य सभा में अगर ये बिल गिर जाता है तो ये 2024 से पहले सेमीफाइनल होगा।

वही ममता बनर्जी ने कहा कि दिल्ली सरकार के विरूद्ध केंद्र के लाए गए अध्यादेश का टीएमसी विरोध करेगी। हम इस मुद्दे पर सभी दलों के साथ आने की अपील करते हैं। 

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