अभी-अभी 2 पैसेंजर ट्रेनें आपस में टकराईं, लगा लाशों का ढेर, हर तरफ मची चीख-पुकार

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नयी दिल्ली। पाकिस्तान से एक बड़ी खबर आ रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान में सोमवार सुबह एक बड़ा रेल हादसा हुआ है। सिंध के डहारकी इलाके में दो यात्री ट्रेनें आपस में टकरा गईं। इस भीषण हादसे में 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। हर तरफ सिर्फ लाशों के ढर लगे हुए हैं। जबकि 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भिड़ंत मिल्लत एक्सप्रेस और सर सैय्यद एक्सप्रेस के बीच हुई है। अभी भी कई लोग बोगियों में फंसे हुए हैं। ऐसे में मृतकों की संख्या और बढ़ने की आशंका है। हर तरफ चीख पुकार मची हुई है।

घोटकी के पास हुआ हादसा

हादसा घोटकी के पास रेती और डहारकी रेलवे स्टेशन के बीच तड़के 3:45 बजे हुआ। जानकारी के मुताबिक, मिल्लत एक्सप्रेस कराची से सरगोधा और सर सैयद एक्सप्रेस रावलपिंडी से कराची जा रही थी। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, मिल्लत एक्सप्रेस की बोगियां अनियंत्रित होकर दूसरी ट्रैक पर जा गिरीं। इससे सामने से आ रही सर सैयद एक्सप्रेस उससे टकरा गई। इस कारण बोगियों को काफी नुकसान हुआ।

pakistan train accident

चार घंटे तक रेस्क्यू टीम मौके पर नहीं पहुंची

हादसे के बाद चार घंटे तक ऑफिसर मौके पर नहीं पहुंचे। देर से पहुंची रेस्क्यू टीम ने बचाव कार्य शुरू कर दिया है। अभी भी कई यात्री डैमेज हो चुकी बोगियों में फंसे हुए हैं। बोगियों को गैस कटर से काटकर फंसे हुए यात्रियों को निकाला जा रहा है। उन्हें नजदीकी गांवों से पहुंची ट्रैक्टर-ट्रॉली से अस्पताल ले जाया जा रहा है। हादसे की वजह से इस रूट की ज्यादातर गाड़ियों की आवाजाही पर असर हुआ है।

आसपास के हॉस्पिटल में इमरजेंसी घोषित

घोटकी डिप्टी कमिश्नर उस्मान अब्दुल्ला ने बताया कि दोनों ट्रेनों की 13 से 14 बोगियां पटरी से उतर गई हैं। इनमें 6 से 8 पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी हैं। इसलिए लोगों को रेस्क्यू करने में परेशानी हो रही है। हादसे के बाद घायलों को अस्पताल पहुंचाने के इंतजाम कर दिए गए हैं। घोटकी, डहारकी, ओबरो और मीरपुर मथेलो के अस्पतालों में इमरजेंसी घोषित कर दी गई है और डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को ड्यूटी पर बुलाया गया है।

भारी मशीनरी की मदद से रेस्क्यू कर रहे

उन्होंने कहा कि जो लोग अभी भी फंसे हुए हैं, उन्हें बाहर निकालना रेस्क्यू टीम के सदस्यों और अधिकारियों के लिए एक चुनौती है। लोग अभी भी फंसे हुए हैं, उन्हें बाहर निकालने में भारी मशीनरी का उपयोग करने में समय लगेगा।

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