
हिंदू पंचांग में कजरी तीज का विशेष महत्व है। इस साल कजरी तीज 14 अगस्त दिन रविवार को मनाई जाएगी। कजरी तीज को कजली तीज या सातुड़ी तीज भी कहते हैं। कजरी तीज के दिन भगवान शिव, माता पार्वती और नीमड़ी माता की विधि-विधान से आराधना की जाती है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाने के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण करती है जबकि अविवाहित लड़कियां अच्छे पति की कामना करते हुए व्रत रखती हैं।
धार्मिक मान्यता है कि कजरी तीज का व्रत को रखने से अविवाहित लड़कियों को सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है और भगवान शंकर की कृपा से वैवाहिक जीवन सुखमय होता है। कजरी तीज का व्रत रखने के दौरान विवाहित महिलाओं को कुछ गलतियां करने से बचना चाहिए।
न करें ये गलतियां
- व्रत के दिन पति से झगड़ना नहीं चाहिए और उन्हें अपशब्द भी बोलना चाहिए।
- इस दिन पति से अच्छे से बात करें और उनके आसपास रहें।
- सुहागिन महिलाएं हाथों पर महेंदी जरूर लगाएं। ये बेहद शुभ माना जाता है।
- सुहागिन महिलाओं को हाथों में चूड़ियां जरूर पहननी चाहिए। खाली हाथ रखना काफी अशुभ माना जाता है।
- अगर व्रत रखा है तो अन्न,जल ग्रहण ना करें। यह व्रत निर्जला ही रखा जाता है।
- व्रत के दिन किसी की निंदा, चुगली या बुराई करने न करें। ये अच्छा नहीं माना जाता है।
- बुजुर्गों का अपमान ना करें। सुबह उठकर उनका आशीर्वाद लें।
- सुहागिन महिलाओं को सफेद रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए।
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