
नई दिल्ली ।। एमपी में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी लेकिन बहुमत से 2 सीट पीछे रह गई। सांप्रदायिक ताकतों को सत्ता से बाहर रखने के लिए बसपा और सपा ने कांग्रेस को समर्थन देने का फैसला किया और राज्य में कमलनाथ की सरकार बन गई। लेकिन बैसाखी पर चल रही सरकार के लिए संकट बरकरार है।
कुछ दिनों पहले मायावती ने साफ शब्दों में कहा था कि बसपा कार्यकर्ताओं पर से अगर राजनीतिक मुकदमों को नहीं हटाया गया तो वो समर्थन के बारे में विचार करना पड़ेगा। लेकिन इस दफा बसपा विधायक के बगावती सुर सुनाई पड़ रहे हैं। बसपा विधायक रमाबाई अहिरवार का कहना है कि पार्टी ये नहीं चाहती है कि मध्य प्रदेश में कर्नाटक जैसा हालात बने।
बसपा विधायक रमाबाई अहिरवार ने दमोह में कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अगर कमलनाथ सरकार उन्हें मंत्री नहीं बनाती है तो वो न केवल उनका विरोध होगा बल्कि दूसरों का भी विरोध होगा।
वो हर कोई खुश रखना चाहते हैं। यही नहीं अगर वो कांग्रेस को मजबूत बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं तो उन्हें हन लोगों को मजबूत बनाने पर ध्यान देना होगा। कमलनाथ सरकार को उन्हें मंत्री का पद देना चाहिए।
रमाबाई अहिरवार अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहती हैं कि बहन जी यानि बसपा मुखिया मायावती की सपोर्ट से कांग्रेस सत्ता में है। हम कमलनाथ सरकार में बसपा के दोनों विधायकों के लिए मंत्री पद की मांग करते हैं। हम लोगों ने कर्नाटक की तस्वीर को देखा है, हम नहीं चाहते हैं कि कुछ उस तरह के हालात यहां भी बने।