Up kiran,Digital Desk : दोस्तों, अमेठी की राजनीति से एक बहुत बड़ी और अहम खबर आ रही है। गांधी परिवार के गढ़ को वापस लाने वाले और बीजेपी की कद्दावर नेता स्मृति ईरानी को हराने वाले कांग्रेस सांसद किशोरी लाल शर्मा (KL Sharma) की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। उनकी सांसदी पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं।
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ (Lucknow Bench) में उनके खिलाफ एक याचिका दाखिल की गई है, जिसमें मांग की गई है कि उन्हें सांसद पद के लिए 'अयोग्य' (Disqualify) घोषित किया जाए। मामला इतना गंभीर है कि अदालत ने इस पर सुनवाई के लिए हामी भर दी है और अगले हफ्ते की तारीख तय की है।
क्या है पूरा माजरा? (The Controversy)
यह पूरा मामला 2012 के एक एफआईआर से जुड़ा है। शकील अहमद खान नामक व्यक्ति ने कोर्ट में एक 'अधिकार पृच्छा याचिका' (Quo Warranto) दाखिल की है। आसान भाषा में कहें तो इस याचिका के जरिए कोर्ट से यह पूछा जाता है कि "आप किस अधिकार से इस पद पर बैठे हैं?"
याचिकाकर्ता का आरोप है कि साल 2012 में किशोरी लाल शर्मा के खिलाफ रायबरेली कोतवाली में एक मुकदमा दर्ज हुआ था। यह मुकदमा राष्ट्रीय ध्वज के अपमान और भारतीय दंड संहिता (IPC) की कुछ अन्य धाराओं के तहत था।
आरोप है कि जब किशोरी लाल शर्मा ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र (Nomination Form) भरा, तो उन्होंने शपथ पत्र (Affidavit) में इस पुराने मुकदमे की जानकारी नहीं दी। यानी उन्होंने कोर्ट और चुनाव आयोग से सच छिपाया। और नियम यह कहता है कि अगर कोई प्रत्याशी अपने आपराधिक रिकॉर्ड को छिपाता है, तो उसका चुनाव रद्द हो सकता है।
हाईकोर्ट ने क्या कहा?
इस याचिका पर न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा और न्यायमूर्ति अमिताभ कुमार राय की खंडपीठ ने सुनवाई की। अदालत ने इस मामले को खारिज नहीं किया है, बल्कि इसे गंभीरता से लेते हुए सुनवाई के लिए अगले सप्ताह सूचीबद्ध करने का आदेश दिया है।
यह खबर कांग्रेस और खासकर अमेठी के समर्थकों के लिए चिंताजनक हो सकती है। अब देखना यह होगा कि क्या वाकई केएल शर्मा ने जानकारी छिपाई थी? और अगर आरोप सही साबित हुए, तो क्या उन्हें अपनी कुर्सी गंवानी पड़ेगी? अगले हफ्ते कोर्ट में क्या होता है, इस पर सबकी निगाहें टिकी रहेंगी।
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