Up kiran,Digital Desk : उत्तर प्रदेश के मेरठ से इंसानियत को झकझोर देने वाली खबर सामने आई है। सोचिए उस माँ पर क्या बीत रही होगी जो अपने मायके खुशियां मनाने आई थी, लेकिन अब उसे अपने ही जिगर के टुकड़े की लाश लेकर जाना पड़ रहा है।
सदर थाना क्षेत्र के बेगमपुल पुलिस चौकी के ठीक सामने, जहां सुरक्षा का दावा होता है, वहीं रविवार की रात आवारा कुत्तों ने एक डेढ़ साल के मासूम को अपना शिकार बना लिया। यह घटना उन तमाम दावों की पोल खोलती है जो शहर को आवारा पशुओं से मुक्त बनाने के लिए किए जाते हैं।
नानी के घर आया था मासूम 'सीते'
यह कहानी है एक खानाबदोश परिवार की जो कचरा बीनकर अपना पेट पालता है और डिवाइडर पर ही अपनी रातें गुजारता है। महिला गंगा बेगमपुल डिवाइडर पर रहती है। उसकी बेटी गंगोत्री, जिसकी शादी तीन साल पहले पंजाब के रमेश से हुई थी, अपने माता-पिता से मिलने रविवार सुबह ही मेरठ आई थी। गोद में उसका डेढ़ साल का इकलौता बेटा सीते था।
खुशी का माहौल था। दिन भर बातें हुई, खाना खाया और रात में थका-हारा पूरा परिवार डिवाइडर पर ही चादर बिछाकर सो गया। माँ गंगोत्री ने अपने बेटे को अपनी बगल में सुलाया था, बेखबर कि यह रात उनके लिए कयामत की रात होने वाली है।
100 मीटर दूर खौफनाक मंजर
रात के करीब 10 बजे जब गंगोत्री की आंख खुली तो उसकी दुनिया उजड़ चुकी थी। बगल में बेटा गायब था। घबराहट में परिवार ने इधर-उधर देखा तो पैरों तले जमीन खिसक गई।
वहां से करीब 100 मीटर दूर, सड़क पर कुत्तों का एक झुंड किसी चीज को नोच रहा था। पास जाकर देखा तो वह नन्हा सीते था। कुत्तों ने उसे इतनी बुरी तरह काटा था कि देखने वालों का कलेजा मुंह को आ गया। परिवार वालों ने लाठी-डंडों से कुत्तों को भगाया और लहुलुहान बच्चे को लेकर बदहवास हालत में अस्पताल भागे।
डॉक्टरों की कोशिशें नाकाम
जिला अस्पताल में डॉक्टरों ने जब बच्चे की हालत देखी तो वे भी सिहर उठे। कुत्तों ने मासूम की आंख और पेट को बुरी तरह नोच डाला था। डॉक्टरों ने तुरंत एंटी-रैबीज इंजेक्शन दिया और इलाज शुरू किया। हालत नाजुक देखते हुए उसे मेडिकल कॉलेज रेफर करने की तैयारी की गई, लेकिन मासूम का शरीर इतना दर्द नहीं सह पाया। इलाज शुरू होने के आधे घंटे के भीतर ही उसने दम तोड़ दिया।
जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया, "परिजन रात करीब 11 बजे बच्चे को लेकर आए थे। जख्म बहुत गहरे थे, खून ज्यादा बह चुका था, हम उसे बचा नहीं सके।"
बिलखती माँ और पुलिस की कार्रवाई
अस्पताल में अपने बच्चे का शव गोद में लिए बैठी गंगोत्री के आंसू नहीं थम रहे थे। जिस पुलिस चौकी के सामने यह घटना हुई, वह महज मूकदर्शक बनी रही। सीओ कैंट नवीन शुक्ला का कहना है कि अभी तक परिजनों ने कोई लिखित शिकायत (तहरीर) नहीं दी है। शिकायत मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
लेकिन सवाल यह है कि उस माँ के आंसुओं का हिसाब कौन देगा? यह घटना बताती है कि शहरों में आवारा कुत्ते बच्चों के लिए कितना बड़ा खतरा बन चुके हैं।
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