Up Kiran, Digital Desk: ठंड आते ही नहाने का मन कम हो जाता है और परफ्यूम-डियो की बौछारें बढ़ जाती हैं। बाजार में चमकदार पैकेजिंग वाली सुगंधें देखते ही लोग लपक लेते हैं। मगर इन आकर्षक बोतलों के अंदर सिर्फ महक नहीं बल्कि खतरनाक रसायन भी छिपे होते हैं। खासकर शहरों में कामकाजी लोग और युवा इनके सबसे ज्यादा शौकीन हैं। क्या पता था कि पसंदीदा खुशबू हमारी सेहत को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचा रही है?
सांस की तकलीफ बढ़ाने वाली सुगंध
तेज परफ्यूम लगाते ही कई लोगों को आंखों में जलन गला रींगसना और नाक में चुभन शुरू हो जाती है। अस्थमा या साइनस के मरीजों के लिए तो ये छोटी-सी स्प्रे भी बड़ा हमला बन जाती है।
दिमाग पर असर और नींद गायब
कुछ लोगों को तेज खुशबू से बेचैनी घबराहट और चिड़चिड़ापन होने लगता है। रातों की नींद उड़ जाती है। जो पहले से डिप्रेशन या एंग्जाइटी की दवाएं ले रहे हैं उनके लिए ये खुशबू और मुसीबत बढ़ा देती है।
गर्भवती महिलाओं के लिए सख्त मना
डॉक्टर साफ कहते हैं कि प्रेग्नेंसी में परफ्यूम से दूर रहें। इनमें मौजूद डायथाइल फ्थालेट नाम का केमिकल बच्चे के विकास पर बुरा असर डालता है। खासकर लड़कों में ये दिक्कत ज्यादा देखी गई है।
हार्मोन बिगाड़कर कई बीमारियां दे सकता है
इन रसायनों से शरीर के हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं। नतीजा मूड स्विंग्स थायरॉइड का बिगड़ना डायबिटीज मोटापा पीसीओएस और कैंसर का खतरा तक बढ़ जाता है।
इस्तेमाल करें तो ऐसे करें
परफ्यूम बिल्कुल बंद नहीं करना चाहते तो कम से कम स्प्रे करें। कपड़ों पर लगाएं त्वचा पर नहीं। पहली बार यूज करने से पहले हाथ की अंदरूनी त्वचा पर टेस्ट जरूर करें। जलन या खुजली हुई तो तुरंत छोड़ दें।
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