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गाजियाबाद के सीतापुर के 22 वर्षीय मोहित पांडे को राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला की पूजा के लिए पुजारी के रूप में चुना गया है। रामलला की पूजा के लिए नियुक्त पुजारियों को रामानंदीय परंपरा का विद्वान और वेदों, शास्त्रों और संस्कृत में पारंगत होना चाहिए।

प्रथम श्रेणी में बीए (ऑनर्स) उत्तीर्ण करने के बाद मोहित पांडे ने तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम द्वारा संचालित श्री वेंकटेश्वर वैदिक विश्वविद्यालय में एमए (आचार्य) पाठ्यक्रम में प्रवेश लिया। वर्तमान में वह सामवेद विभाग में प्रथम वर्ष में अध्ययनरत है।

आचार्य सत्येन्द्र दास भी चर्चा में

हित पांडे के साथ-साथ श्रीराम मंदिर के मुख्य पुजारी 83 वर्षीय आचार्य सत्येन्द्र दास भी चर्चा में हैं। 1958 में संत बनने के इरादे से उन्होंने घर छोड़ दिया और अयोध्या आ गये। बीते 31 सालों से वह श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी हैं। 1992 में विवादित निर्माण ढहाए जाने से पहले करीब 9 महीने तक आचार्य सत्येन्द्र दास यहां पुजारी के रूप में रामलला की पूजा करते रहे हैं। 1992 में, जब उन्हें श्री रामजन्मभूमि मंदिर में पूजा करने के लिए नियुक्त किया गया, तो उन्हें रुपये का भुगतान किया गया। अब उनकी सैलरी 32 हजार रुपये है।

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