पश्चिम बंगाल में कोरोना असर के बावजूद नेताओं की जनसभा और रोड शो पर पाबंदी लगाने में विफल चुनाव आयोग (Election commission) को कलकत्ता हाई कोर्ट ने जमकर फटकार लगाई है।
गुरुवार को मुख्य जज टीवीएन राधाकृष्णन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने पूर्व चुनाव आयुक्त टीएन शेषन का जिक्र करते हुए कहा कि वर्तमान चुनाव आयोग (Election commission) शेषन द्वारा किए गए कार्यों का एक हिस्सा भी करके दिखाएं। कोर्ट ने यह भी कहा कि अब हमें ही टीएन शेषन का काम करना होगा।
दरअसल, पश्चिम बंगाल में भी कोरोना लगभग बेकाबू हो रहा है। राज्य में वायरस के प्रतिदिन लगभग 10 हजार के करीब मामले सामने आ रहे हैं। इस पर हाई कोर्ट ने आयोग से कड़े कदम उठाने को कहा था, किंतु 16 अप्रैल को सर्वदलीय बैठक के बाद चुनाव आयोग ने केवल एक गाइडलाइन जारी कर कोरोना का पालन करने को कहा था।
इसी मामले में सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने कहा कि केवल सर्कुलर जारी कर चुनाव आयोग अपनी भूमिका से पल्ला नहीं झाड़ सकता। उनके पास पूरे अधिकार हैं और क्षमता भी किंतु उसका इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। चुनाव आयोग के पास क्विक रिस्पांस टीम है और पूरे अधिकार भी। कोर्ट ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधि मौजूद नहीं हैं, इसीलिए कोई आदेश नहीं दिया जा रहा किंतु राज्यभर के सभी अधिकारियों को महामारी रोकथाम के प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन कराना होगा।
दरअसल, कठोर निर्णय लेने के लिए जाने जाने वाले तत्कालीन चुनाव आयुक्त टीएन शेषन ने 90 के दशक में भारत में ढीठ और भ्रष्ट नेताओं से भी चुनावी आदर्श संहिता को भारत में लागू कराया था और बहुत हद तक भ्रष्टाचारमुक्त चुनाव कराकर मिसाल पेश की थी।