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बीते सप्ताह अमेरिका स्थित हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप पर धोखाधड़ी के आरोप लगाए थे, जिसके बाद अदानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई थी। 

देश की सबसे बड़ी LIC का अडानी समूह में बड़ा निवेश है। मगर, शेयरों में गिरावट की वजह से उन्हें 38,509 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। इनमें से ज्यादातर निवेश अदानी टोटल गैस, अदानी पोर्ट्स और अदानी एंटरप्राइजेज में हैं। बीते 7 सत्रों में LIC का निवेश मूल्य 38,509 करोड़ रुपए घटकर 42,759 करोड़ रुपए रह गया है। अडानी टोटल गैस में LIC की हिस्सेदारी की कीमत 24 जनवरी को 25,484 करोड़ रुपए थी, जो अब 10,664 करोड़ रुपए हो गई है।

अडानी पोर्ट्स में ये 15,029 करोड़ रुपए से घटकर 9,854 करोड़ रुपए और अदानी एंटरप्राइजेज में 16,585 करोड़ रुपए से घटकर 7,632 करोड़ रुपए रह गया है। 24 जनवरी तक अदानी ट्रांसमिशन में LIC के निवेश का मूल्य 5,701 करोड़ रुपए आंका गया है। इसी तरह अंबुजा सीमेंट्स, एसीसी और अडाणी ग्रीन एनर्जी में LIC के निवेश पर भी असर पड़ा है।

LIC ने जनता का पैसा कहां लगाया

LIC,म्यूचुअल फंड और विदेशी संस्थागत निवेशकों को सात दिन में अडानी ग्रुप के शेयरों में 2 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ है. 24 जनवरी तक, अडानी समूह की कंपनियों में उनका निवेश 3,98,563 करोड़ रुपए था, जो अब 1,90,782 करोड़ रुपए है। सात दिनों में इसमें 2,07,781 करोड़ रुपए या 52 फीसदी की गिरावट आई है। अडानी समूह की दस सूचीबद्ध कंपनियों में से नौ में म्युचुअल फंड की हिस्सेदारी है, जबकि एफआईआई की सभी दस कंपनियों में हिस्सेदारी है।

म्यूचुअल फंड का निवेश मूल्य 8,282 करोड़ रुपए घटकर 16,280 करोड़ रुपए रह गया। उनकी होल्डिंग अंबुजा सीमेंट्स, अदानी पोर्ट्स, एसीसी और अदानी एंटरप्राइजेज में है। म्यूचुअल फंड्स ने पिछली चार तिमाहियों में अडानी एंटरप्राइजेज और अदानी पोर्ट्स में अपनी हिस्सेदारी घटाई है। 

अडानी समूह के शेयरों में गिरावट के कारण विदेशी संस्थागत निवेशकों को 1,43,991 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ और अब उनका निवेश मूल्य 148,742 करोड़ रुपए है। बीती चार तिमाहियों में एफआईआई ने अडानी एंटरप्राइजेज, अदानी ग्रीन एनर्जी, अदानी टोटल गैस और अदानी ट्रांसमिशन में अपनी होल्डिंग घटाई है।

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