LIVE: देखिए मायावती की बर्थडे पर दहाड़

img

लखनऊ ।। उत्तर प्रदेश में चार बार मुख्यमंत्री रहीं मायावती पांचवीं बार सत्ता के काफी करीब जाती हुई दिखाई दे रही हैं। यूपी में सत्ताधारी समाजवादी पार्टी में मचे परिवारिक घमासान ने एक बार फिर मायावती को मजबूती दे दी है। वह मुस्लिम वोटबैंक के आधार पर खुद को सत्ता के करीब जाती हुई दिखाई दे रही हैं।

यूपी में चार बार मुख्यमंत्री रहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने जन्मदिन 15 जनवरी 2017 को लखनऊ पार्टी मुख्यालय पर क्या कुछ कहा। यहां क्लिक कर देख लीजिए, भाग एक

मायावती ने पीएम मोदी पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि वह दूध के धुले हैं, तो नोटबंदी के पहले 10 महीनों का अपने पार्टी व वरिष्ठ नेताओं और पूंजीपतियों के जमा धन का ब्योरा दें। उन्होंने कहा था कि ऐसा करेंगे, लेकिन बीजेपी एंड कंपनी के लोगों ने आजतक इस हिसाब को जनता के सामने नहीं दिया। इससे इनके ईमानदार होने का पर्दाफांश होता है।

बिकाऊं चैनल से दिखाई जा रही खबरें

बीएसपी को सत्ता में आने से रोकने के लिए यूपी में बिकाउं चैनल से खबरें चलवाई जा रही हैं। जो भी मेरे परिवार वाले छोटा-मोटा करोबार कर रहे हैं उस पर मोदी सरकार ने अपने ढाई साल के कारोबार में कमियां क्यों नहीं दिखाई दीं। मेरे परिवार पर हमला भाजपा का दलितों के प्रति हीन और जातिवादी रवैया है। इसको लेकर बसपा अब सफाई नहीं देगी।

जनता से क्यों छुपाया जा रहा

भाजपा को यदि ब्योरा ज्यादा जानने का शौक है, तो उन्हें अपनी पार्टी के 100 नेताओं के राजनीति में आने और उसके बाद के कारोबार और धन का ब्योरा देना चाहिए। कितने हजार करोड़ का कालाधन सरकार के पास आया और कितने लोग पकड़े गए इसका ब्योरा केंद्र सरकार क्यों नहीं दे रही। इसे जनता से क्यों छुपाया जा रहा है।

किसानों की मौत भाजपा के लिए मुद्दा नहीं

भाजपा अब अपनी हर कार्यशैली और कामकाज को राष्ट्रवाद से जोड़ देती है, जिससे उसे मुद्दों पर से ध्यान हटाने का मौका मिल सके। वर्ष 2014 में 5650 किसानों ने खुदकुशी की। जबकि वर्ष 2015 में यह आकड़ा 7015 से अधिक है। केंद्र सरकार के लिए यह मुद्दा नहीं है। भाजपा इसे छुपाने की कोशिश कर रही है, लेकिन यह अब छुपने वाला नहीं है।

केंद्र सरकार के ज्यादातर काम प्राइवेट सेक्टर को दिए जा रहे हैं

बाबा साहेब से जुड़े कुछ स्थानों को स्मारक घोषित कर देने से दलित भाजपा के बहकावे में नहीं आने वाला है। दलित समुदाय के लोग अपने लोगों के ऊपर हो रहे हमलों को लेकर काफी चिंतित हैं।

रोहित बेमुला, गुजरात कांड को दलित कभी नहीं भुला सकता है। भाजपा आरएसएस एजेंडे के तहत आरक्षण को निष्प्रभावी बनाने को लेकर काम कर रही है। केंद्र सरकार के ज्यादातर काम प्राइवेट सेक्टर को दिए जा रहे हैं, जिससे आरक्षण को खत्म किया जा सके।

मायावती ने अपने जन्मदिन 15 जनवरी 2017 को लखनऊ पार्टी मुख्यालय पर क्या कुछ कहा इसके दूसरे भाग को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है। भाग दो

मोदी आरएसएस के एजेंडे के हिसाब से देश को चला रहे हैं

भाजपा की केंद्र की सत्ता के नशे में पुरानी मान्यताओं को भी कुचला है। इसकी कीमत चुकाने के लिए भी केंद्र सरकार को तैयार रहनी चाहिए। मोदी आरएसएस के एजेंडे के हिसाब से देश को चलाने में कांग्रेस से भी चार कदम आगे निकल जाना चाहते हैं। देश की 90 फीसदी जनता कंगाल बन गई है। इसका नतीजा मोदी को लोकसभा चुनाव के पहले ही विधानसभा चुनाव में भी भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए।

यूपी की जनता अब बिहार की तरह ही यूपी में भी करारी हार देने वाली है। नोटबंदी का फैसला राष्ट्र हित नहीं राजनीतिहित रहा है। इसे अब जनता जान गई है।

सपा सरकार ने बिना बजट के ही कई योजनाओं की घोषणा कर दी। यह चुनाव को देखते हुए किया गया। 1997 से लेकर 2002 तक केंद्र और यूपी दोनों जगहों पर भाजपा की सरकार थी। उस समय भाजपा ने यूपी को उत्तम प्रदेश क्यों नहीं बनाया। केंद्र व भाजपा शासित राज्यों में कानून व्यवस्था काफी खराब है।

यूपी में कानून व्यवस्था को लेकर बड़ी-बड़ी बातें करने वाली भाजपा को दिल्ली और अन्य प्रदेशों को देखना चाहिए, जहां उसकी सरकार है।भाजपा यूपी और पूरे देशवासियों को बार-बार गुमराह नहीं कर सकती है। काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ाई जाती है। भाजपा ने विजय माल्या और ललित मोदी को विदेश में भगा दिया है। यूपी में सत्ता में आने से भाजपा को रोकना बहुत ही जरूरी है। वर्तमान में यूपी में सपा और कांग्रेस खराब हालत को देखते हुए अलग-अलग से चुनाव लड़कर या मिलकर चुनाव लड़कर भी भाजपा को सत्ता में आने से नहीं रोक सकती हैं। ऐसे में यह काम बसपा ही कर सकती हैं।

बंट जाएगा सपा का वोट

सपा का वोट अब दो खेमे में बंट जाएगा। इस स्थिति में ये दोनों खेमे खुद जीतने के लिए नहीं, बल्कि एक दूसरे को हराने के लिए लड़ने वाले हैं। इसका पूरा फायदा भाजपा को ही मिलेगा। मुस्लिमों का वोट अब दो खेमें में नहीं बंटेगा।

अखबार और चैनल वाले भी भाजपा के पक्ष में हवा बनाने का प्रयास करेंगे। जहां तक ओपिनीयन पोल का सवाल है तो इससे भी कोशिश की जाएगी कि भाजपा को फायदा पहुंचाया जा सके। जनता को इसे समझना होगा।

बसपा की सरकार बनी तो दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों को मिलेगी प्राथमिक्ता। इनके लिए जनकल्याणकारी योजनाओं को फिर से चलाया जाएगा। जिन योजनाओं का नाम सपा ने बदल दिया है। उनके नाम फिर से बहाल किया जाएगा। गरीबों को लैप्टॉप और मोबाइल देने की जगह उन्हें सीधे नकद दिए जाएंगे। संग्रहालय और स्मारक नहीं बनवाए जाएंगे।

फोटोः बसपा सुप्रीमो मायावती।

Related News