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Maharajganj News : पनियरा ब्लाॅक के करीब 60 वर्षीय लालमणि (बदला हुआ नाम) ने नियमित दवा तथा पौष्टिक आहार लेकर टीबी को मात दिया और अब वह टीबी चैंपियन बन गए हैं। वह टीबी रोगियों को जागरूक करते हुए नियमित दवा खाने और चिकित्सक की सलाह के बिना दवा न छोड़ने की सलाह देते रहते हैं । साथ ही टीबी से बचने के लिए जन समुदाय को जागरूक भी कर रहे हैं। टीबी चैंपियन बने लालमणि ने बताया कि उन्हें अक्टूबर 2019 में खांसी, गले में खिचखिच और सीने में दर्द शुरू हुआ। वजन भी तेजी से गिरने लगा। गोरखपुर जनपद के पीपीगंज में एक निजी चिकित्सक से दवा कराई लेकिन खांसी बंद नहीं हो रही थी।

पौष्टिक भोजन के साथ साफ सफाई पर विशेष ध्यान

इसके बाद क्षेत्र की एक आशा कार्यकर्ता अंजू (डाट्स प्रोवाइडर) ने जांच कराने की सलाह दी। जांच कराने के लिए मंसूरगंज सीएचसी पर वह साथ ले गयीं। वरिष्ठ टीबी पर्यवेक्षक अनुपम श्रीवास्तव ने बलगम की जांच करायी तो कुछ नहीं निकला। उसकेे बाद एक्स-रे कराया गया तो रिपोर्ट पाॅजिटिव आया। वरिष्ठ टीबी पर्यवेक्षक अनुपम श्रीवास्तव ने लालमणि के टीबी पाॅजिटिव होने पर प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ.वीर विक्रम सिंह से दिखाया गया। चिकित्सक ने मरीज को नियमित दवा खाते रहने, बिना चिकित्सक से पूछे अपने मन से दवा बंद नहीं करने और पौष्टिक भोजन के साथ साफ सफाई पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी। (Maharajganj News)

टीबी चैंपियन घोषित

मरीज लालमणि ने इन सब बातों पर विशेष ध्यान दिया और वह ठीक हो गये। लालमणि ने बताया कि उन्होंने विभाग से निःक्षय पोषण योजना के तहत मिले 3000 रुपये को भी अपने सेहत (जैसे सूखा, फल अन्य पौष्टिक आहार) पर खर्च किया। वरिष्ठ टीबी पर्यवेक्षक ने बताया कि नवम्बर 2019 से मरीज की दवा शुरू की गयी, जो नियमित दवा खाकर मई 2020 को ठीक हो गये। पुनः उसकी जांच मई 2020 में ही करायी गयी। रिपोर्ट में वह टीबी मुक्त मिले। विभाग ने उसे टीबी चैंपियन घोषित कर दिया। उसे ऑनलाइन प्रशिक्षण भी दिया गया है। (Maharajganj News)

अब वह लोगों को टीबी के प्रति जागरूक करता रहते हैं। पनियरा क्षेत्र में एक दलित बस्ती में टीबी के बारे में समुदाय की बैठक हुई थी, जिसमें लालमणि ने लोंगो को टीबी के बारे में जागरूक किया। लक्षण दिखने पर जांच कराकर उपचार कराकर निःशुल्क इलाज के लिए प्रेरित करते हैं। वर्तमान में पनियरा ब्लाॅक के 142 टीबी रोगियों का इलाज चल रहा है। वरिष्ठ टीबी पर्यवेक्षक ने बताया कि यदि किसी व्यक्ति को लगातार 14 दिनों से बुखार आता हो, खांसी में खून आता हो, वजन घट रहा हो, थकान महसूस होती हो और सांस लेने में तकलीफ होती हो तो उसे जांच करानी चाहिए क्योंकि यह टीबी के लक्षण हैं। (Maharajganj News)

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